लखनऊ में घूम रहा बाघ; जंगल से निकल कर मजार के करीब पहुंचा, बुजुर्ग ने कमरे में भागकर बचाई जान
लखनऊ : काकोरी में पिछले करीब एक महीने से बाघ घूम रहा है. जंगल से भटक कर उसने गांवों का रुख कर लिया है. गांव में लगातार उसके पैरों के निशान मिल रहे हैं. इससे जंगल से सटे गांवों के लोग दहशत में हैं. शुक्रवार की सुबह बाघ साबिका शाह पहलवान की मजार के करीब पहुंच गया. मजार की देखरेख करने वाले बुजुर्ग उसे देखकर कमरे में भागकर छिप गए.
बाघ की चहलकदमी से हसनापुर, दुगौली, गुरदीन खेड़ा, कटौली, सहिलामऊ, कसमंडी, नई बस्ती धनेवा, मोहम्मदनगर, मंदौली, उलरापुर, बुधड़िया, कुसमौरा, रहमतनगर आदि गांवों में दहशत है. शुक्रवार को बाघ के देखे जाने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. वन विभाग की टीम ने पगमार्क का निरीक्षण किया. ड्रोन कैमरे से काफी देर निगरानी की, लेकिन बाघ नजर नहीं आया. इससे पहले गुरुवार को भी हलवापुर के एक बाग व खेत में बाघ के पगचिह्न मिले थे.
काकोरी के बुधरिया निवासी गनी बाबा जंगल मे बने साबिका शाह पहलवान मजार की देखरेख करते हैं. शुक्रवार की सुबह 7 बजे उन्होंने बाघ को मजार की ओर आते देखा. इस पर वह भागकर मजार के पास बने कमरे में जाकर छिप गए. बाद में बाघ चला गया. डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि दुधवा से जंगल पहुंची हथिनी सुलोचना और डायना रहमानखेड़ा आ गईं हैं. वे शनिवार से काम शुरू कर देंगी.
बाघ लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है. इससे उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा है. दोनों हथिनी बाघ को पकड़ने में प्रशिक्षित हैं. इनकी मदद से बाघ को पकड़ा जा सकता है. अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह ने बताया कि बाघ को ट्रेस करने के लिए कई टीमें लगाई गईं हैं. टीमें लगातार बाघ को ट्रैक भी कर रहीं हैं. जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा.