ओपिनियनसंपादक की पसंद

सनातन तीर्थाटन ने लगाए पंख, बदला परिदृश्य

मृत्युंजय दीक्षित


प्रतिवर्ष नए आंग्ल वर्ष के आगमन पर देश के सभी पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ उमड़ती है किंतु इस बार यह दृश्य बदला बदला रहा क्योंकि इस वर्ष जन सामान्य ने नव वर्ष पर गोवा, शिमला, कश्मीर की बर्फीली वादियों तथा ताजमहल को भूलकर अयोध्या, मथुरा, काशी और उज्जैन से लेकर माता वैष्णव देवी के दर्शन पूजन करने तथा अपने आराध्य देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने में अधिक रुचि दिखाई। इस बार सनातन तीर्थाटन का ऐसा उद्भव देखा गया कि विभिन्न नगरों के छोटे -बड़े सभी मंदिरों में 31 दिसंबर और एक जनवरी को भक्तों की लंबी -लंबी कतारें देखी गयीं। इस बार हिन्दुओं के नववर्ष मनाने का तरीका अलग ही दिखाई दिया लगभग सभी मंदिरों में कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ।

उत्तर प्रदेश में इस बार नववर्ष के स्वागत के लिए सर्वाधिक भीड़ श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या की ओर उमड़ी। अयोध्या में दिव्य भव्य एवं नव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जिस प्रकार आई और रामभक्तों की लंबी -लंबी कतारें लगीं वह अदभुत और ऐतिहासिक है। आंकड़ों के अनुसार अयोध्या में प्रतिदिन लगभग एक लाख दर्शनार्थी आ रहे हैं। तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने दर्शन को लेकर न केवल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं ओैर उनमें बदलाव भी किया है जिससे सभी भक्तों को सुगमता से दर्शन मिलें। महाद्वार से आगे बढ़ने पर सिंह द्वार से भी अब दो पंक्तियों में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए भेजा जा रहा हे।दो-तीन स्थानों पर प्रसाद वितरण की व्यवस्था कराई गई है। व्यापक भीड़ को ध्यान में रखते हुए दर्शन की अवधि भी बढ़ा दी गई है। रामभक्तों की सुविधा के लिए एक नया निकासी पथ भी बनाया गया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि पहले अवकाश में अन्य स्थानों पर जाने वाले लोग अब अयोध्या आ रहे हैं। नवयुवक अपने अवकाश के दिनों का उपयोग कर रहे है।

नववर्ष में अपनी मंगल कामनाओं को लेकर काशी विश्वनाथ धाम परिसर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर प्रशासन के अनुसार 2024 की एक जनवरी से लेकर 30 दिसंबर की देर रात तक छह कोड़ से अधिक लोगों ने विश्वनाथ महादेव के दर्शन किये। यह संख्या विगत वर्ष की तुलना में 35 लाख से अधिक है। नव वर्ष के स्वागत के लिए काशी के सभी होटल, रेस्त्रां तैयार थे किंतु काशी आने वाला हर व्यक्ति पहले महादेव के दर्शन ही करना चाहता है, उसके बाद गंगा आरती में सम्मिलित होता है फिर कुछ और सोचता है। एक अनुमान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा काशी विश्वनाथ कारिडोर का भव्य उद्घाटन किये जाने के बाद से अब तक लगभग 18 करोड़ श्रद्धालु विश्वेश्वर महादेव के दर्शन कर चुके हैं।

इसी प्रकार मथुरा के बांके बिहारी मंदिर सहित मथुरा –वृन्दावन के सभी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यहाँ तो मंदिर क्षेत्र में तिल रखने का स्थान भी नहीं दिख रहा था, प्रशासन बार -बार अपील करता रहा कि इतनी भीड़ में बुजुर्ग, बीमार व दिंव्यांगजन आने से बचें।

स्पष्ट रूप से धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का रुझान तेजी से बढ़ा है। पहले कहा जाता था कि जब घर परिवार के सभी कार्यों से निवृत होकर तीर्थ यात्रा करेंगे अब इस सोच में व्यापक परिवर्तन हो चुका है और इस परिवर्तन के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी भूमिका है। वे स्वयं पुरे समर्पण और श्रद्धा से धर्म स्थलों पर जाते हैं और सभी से वहां जाने का आह्वान करते हैं। प्रधनमंत्री मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम मनकी बात के माध्यम से भी नागरिकों से वर्ष में स्वदेश के कम से कम 5 स्थानों पर भ्रमण की बात करते रहे हैं । भाजपा की राज्य सरकारें भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। धर्म स्थलों को रेल, सड़क व वायु मार्गों से जोड़ा जा रहा है, यात्री सुविधाएँ बढ़ायी जा रही हैं। सरकार की ओर से धार्मिक पर्यटन को बढावा देने के लिए स्वदेश दर्शन योजना देशवासियों को दी गई है। प्राथमिकता के आधार पर पहले चरण में 56 धार्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025 की पहली तिमाही में तीर्थाटन अपने सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने वाला है। जनवरी 13 से 45 दिन चलने वाला महाकुम्भ आरम्भ हो रहा है जिसमें देश विदेश से लगभग चालीस करोड़ लोगों के आने की सम्भावना है। स्वाभाविक रूप से ये तीर्थयात्री अयोध्या, काशी और विन्ध्याचल भी जायेंगे। आगामी 11 जनवरी को अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी का आयोजन है, मंदिर का शिखर और परकोटा तैयार होने को है इस बीच चैत्र में रामनवमी आएगी और प्रभु का सूर्य तिलक होगा, इन अवसरों पर रामभक्त अयोध्या खिंचे चले आयेंगे। उधर फागुन में मथुरा वृन्दावन बरसाना कृष्णभक्तों को होली खेलने बुलाएँगे।
कुल मिलाकर तीर्थाटन के प्रति हिन्दू समाज के बढ़ते रुझान ने पर्यटन को नए पंख दिए और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के असीमित अवसर भी उपलब्ध कराए हैं।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button