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यूपी के 1.42 लाख शिक्षामित्रों को तोहफा: घर लौट सकेंगे, ट्रांसफर में मिलेगी ये छूट

लखनऊः प्रदेश के विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्र को नए साल पर योगी सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा दिया गया है. शिक्षामित्रों को उनके घर या आसपास के जिलों में तैनाती के लिए सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. शासन ने शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय स्थल ( पहले के तैनाती स्थल) वापसी का शासनदेश जारी किया है. इसके अलावा सभी शिक्षामित्रों को अपने वर्तमान कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने का भी विकल्प सरकार की तरफ से दिया गया है. मौजूदा समय प्रदेश में 142000 शिक्षामित्र तैनात है, जो लंबे समय से अपने मूल विद्यालय में वापसी और मानदेय वृद्धि को लेकर लगातार मांग कर रहे थे.

बीते दिनों हुआ था आंदोलनः पिछले दिनों हुए आंदोलन के बाद शासन ने इस पर गंभीरता से विचार करते हुए शिक्षामित्रों स्थानांतरण से जुड़ी नीति को मंजूरी दे दी है. बेसिक से विभाग के प्रमुख सचिव डॉक्टर एमकेएस सुंदरम के अनुसार पुरूष शिक्षामित्रों व अविवाहित शिक्षामित्र को अपने वर्तमान विद्यालय में रहने, मूल विद्यालय में जाने, मूल विद्यालय में पद न खाली होने पर ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में चल रहे विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पद पर तैनाती के विकल्प के रूप में मौका दिया गया है.

2018 में भी जारी हुआ था आदेशः प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान समय में 142000 शिक्षामित्रों तैनात है. जुलाई 2018 में इनको शासन की ओर से मूल विद्यालय वापसी का आदेश दिया गया था. उस समय 20 से 25 हजार शिक्षामित्र समायोजन से छूट गए थे. तब से अब तक कई महिला शिक्षामित्रों की शादी हो चुकी है. ऐसे में इस बार 30 से 40 हजार शिक्षामित्र को भी इसका लाभ मिलेगा वर्तमान में इन्हें सरकार की तरफ से ₹10000 मानदेय दिया जाता है.

कब हुई थी तैनातीः प्रदेश के परिषदीय विद्यालय में सितंबर 2001 से 2010 के बीच शिक्षामित्रों की तैनाती की गई थी. इसमें अधिकतर शिक्षामित्रों की पहली तैनाती उनके जिले में ही की गई थी. ऐसे में मूल विद्यालय वापसी का विकल्प मिलने का मतलब शिक्षामित्र अपने जिले में अब नौकरी कर सकेंगे.

कौन करेगा समायोजनः डीएम की अध्यक्षता वाली समिति करेगी प्रक्रिया पूरी बेसिक शिक्षा परिषद के अन्य समायोजन के आवेदन पत्रों के आधार पर डीएम की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति निर्धारित धारण और खाली पदों के सापेक्ष सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षामित्र के समायोजन की कार्रवाई को पूरा करेगी.

आवेदन कैसे करना हैः इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और उसके अनुसार ही आगे की पूरी कार्रवाई की जाएगी. महिला शिक्षामित्र को वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में मूल विद्यालय जाने या दूसरे जिले में पति के घर की ग्राम सभा पंचायत वार्ड में परसदीय विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पर तैनाती का विकल्प दिया जाएगा. जो शिक्षामित्र अपने वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में ही काम करने का विकल्प देते हैं ऐसे आवेदनों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी.

1 साल की नौकरी पर शिक्षामित्र को एक नंबर का भारांकः शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए सरकार की ओर से जारी शासनादेश में बताया गया है कि 1 साल की नौकरी पर शिक्षामित्रों को एक नंबर का भारांक दिया जाएगा. यह पद के साथ आवेदन प्राप्त होने पर 60 नंबर के भारांक के आधार पर तबादला किया जाएगा. इसके 1 साल की नौकरी के लिए एक नंबर (अधिकतम 20 नंबर) होंगे जबकि असाध्य या गंभीर रोग से ग्रसित शिक्षामित्र या उसके प्रति पत्नी या अविवाहित बेटा बेटियों के लिए 10 नंबर, दिव्यांग शिक्षामित्र पति पत्नी या अविवाहित बेटे बेटियों के लिए 10 नंबर, एकल अभिभावक शिक्षामित्र को 10 नंबर दिया जाएगा. इसके अलावा ऐसे शिक्षामित्र जिनके पति-पत्नी सरकारी सेवा, बेसिक विभाग के अधीन कार्यरत उन्हें भी 10 नंबर का भारांक मिलेगा.

वरिष्ठता के आधार पर भी आवंटन: तबादला/समायोजन को लेकर अगर दो या दो से अधिक शिक्षामित्रों के दौरान सामान्य हो जाते हैं. तो उस पर वरिष्ठ शिक्षामित्र को नए विद्यालय आवंटन में वरीयता दी जाएगी. इससे पहले मानव संपदा पोर्टल के डाटा के आधार पर पहली तैनाती के परिषदीय विद्यालय से इतर मूल प्राथमिक विद्यालय से हटकर विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्र की तैनाती का जिलेवार की जाएगी. इस सूची का वेरिफिकेशन जिला समिति करेगी इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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