उत्तर प्रदेशकुशीनगर

एक वर्ष बाद भी नहीं हुई अंतरराष्ट्रीय उड़ान, थमा पर्यटन विकास

  • कुशीनगर एयरपोर्ट पर खर्च किये 600 करोड़, मिला सिफर

कुशीनगर। ‘सात देश, एक उड़ान, 300 पर्यटक’ ड्रीम प्रोजेक्ट कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की नींव रखते समय कंसल्टेंट कम्पनी आईएलएफएस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनुमान लगाया था कि टाप टेन सूची में शामिल दस बौद्ध देशों चीन, जापान, थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार, श्रीलंका, साउथ कोरिया, ताईवान, कंबोडिया व भूटान में से सात देशों में से भी एक उड़ान पांच माह (पर्यटन सीजन) प्रतिदिन कुशीनगर आई तो 3.15 लाख सैलानी आयेंगे।

इसके आधार पर प्रदेश व केंद्र सरकार एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण व इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलमेंट पर 600 करोड़ खर्च कर दिए। 20 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों एयरपोर्ट का भव्य उद्घाटन भी हो गया लेकिन उद्घाटन के एक वर्ष बीतने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होना तो दूर की बात है, इसके लिए पहल भी शुरू नहीं हुई। जिससे बौद्ध सर्किट के पर्यटन विकास की रफ्तार ठहर गई है।

इस स्थिति में पर्यटन की नींव पर रखी गई एयरपोर्ट की ईट खिसकती दिख रही है। पर्यटन सीजन को शुरू हुए दो माह पूरे होने जा रहे हैं, नियमित उड़ान कराना तो दूर सरकार इस एयरपोर्ट पर एक चार्टर अंतरराष्ट्रीय विमान भी नहीं उतार सकी है। ऐसे में एयरपोर्ट की स्थापना के औचित्य पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

घरेलू उड़ान की स्थिति भी बदतर

इस एयरपोर्ट से घरेलू उड़ान की स्थिति भी बदतर है। स्पाइस जेट कम्पनी कुशीनगर दिल्ली उड़ान भर तो रही है। किंतु उड़ान की अनियमितता से यात्रियों का इससे मोह भंग हो गया है। सप्ताह में सात दिन घोषित सेवा कभी दो दिन तो कभी तीन दिन तक सिमट गई है। उड़ान कब रद्द हो जाए इसका कोई ठिकाना नही। जिससे अब यात्री गोरखपुर एयरपोर्ट को वरीयता दे रहे हैं। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की घोषणा और शिड्यूल जारी होने के बाद भी कोलकाता व मुंबई की उड़ान शुरू ही नहीं हुई।

स्थानीय विधायक पी एन पाठक का कहना है कि नियमित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए एक बड़ा मानक आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) का है। 10 करोड़ रुपये की लागत से सिस्टम लग रहा है। सिस्टम लग जाने के बाद यह मानक पूरा हो जाएगा। जिसके बाद आवश्यक घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ान होने लगेगी। कार्य में तेजी के लिए लगातार सम्बंधित उच्चाधिकारियों से वार्ता चल रही है।

रायल रेजीडेंसी ग्रुप के महाप्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने बताया कि देश की जीडीपी में यात्रा व पर्यटन क्षेत्र का 5.19 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। पर्यटन प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार देने में भी सबसे आगे है। कुशीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ान होगी तो स्वाभाविक है कि इसका फायदा होगा। बावजूद इसके उदासीनता समझ से परे है। सार्थक पहल होनी चाहिए।

बौद्ध भिक्षु भंते अशोक का कहना है कि कोविड का दौर समाप्त हो चुका है। अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। भिन्न भिन्न स्तरों पर विदेशों में कुशीनगर एयरपोर्ट की ब्रांडिंग होनी चाहिए। जिससे अंतरराष्ट्रीय उड़ान यहां आए। उड़ाने आयेंगी तो केवल पर्यटन ही नहीं बल्कि शिक्षा, कृषि व स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विकास होगा।

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