उत्तर प्रदेशलखनऊ

विद्युत कर्मचारी संगठन के कार्य बहिष्कार में मंगलवार को आफिसर्स एसोसिएशन नहीं लेगा हिस्सा

लखनऊ। उप्र विद्युत कर्मचारी संगठन द्वारा 29 नवम्बर से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार में पावर आफिसर्स एसोसिएशन हिस्सा नहीं लेगा। पावर आफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी अपने कार्य सुचारू रूप से करते रहेंगे। यह फैसला एसोसिएशन के पदाधिकारियों की लखनऊ में हुई बैठक में लिया गया।

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति की आपात बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से यह तय किया गया है कि 29 नवंबर से एक संगठन द्वारा प्रस्तावित कार्य बहिष्कार से पूरे प्रदेश में पावर ऑफिसर एसोसिएशन के सदस्यों का कोई लेना देना नहीं है। एसोसिएशन के सदस्य अपने कार्यालयों में पूर्व की भांति कार्य करते रहेंगे।

सर्वविदित है कि प्रबंधन और कार्मिकों के बीच समय-समय पर कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद हो सकता है लेकिन हम अपनी किसी भी लडाई में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को किसी समस्या में नहीं डाल सकते। क्योंकि उपभोक्ता हमारे परिसर का अभिन्न अंग हैं। उसे किसी भी प्रकार का व्यवधान ना हो। एसोसिएशन के सदस्य हमेशा उपभोक्ता देवो भव की संस्कृति पर कार्य करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।

एसोसिएशन ने सभी बिजली कंपनियों में अपने एक चार सदस्यों वाली कोर कमेटी भी बनाई हैं जो पूरी परिस्थिति पर नजर रखेंगे और समय-समय पर केंद्रीय कार्यसमिति को बताते रहेंगे। सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए केंद्रीय कार्य समिति ने अपने कार्यालय में एक कंट्रोल रूम की स्थापना भी की है। एसोसिएशन कार्य समिति ने सभी अपने पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने केंद्रीय समिति के कंट्रोल रूम के संपर्क में रहेंगे। यदि उन्हें कोई भी दिक्कत या व्यवधान सामने दिखता है तो वह तुरंत केंद्रीय समिति के कंट्रोल रूम को अवगत कराएंगे।

न सहयोग लेंगे और न देंगे

उ0प्र0 पावर आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केबीराम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, एसपी सिंह, सचिव आरपी कैन आदि ने दो टूक शब्दों में यह ऐलान किया कि जब पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सरकार से लेकर प्रबंधन तक सब एक साथ आकर हमारे अभियंता कार्मिकों को रिवर्ट कर रहे थे तो बिजली विभाग के सभी संगठन मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे थे। कुछ संगठन मिठाई बांटकर खुशियां मना रहे थे। वह दिन आज भी प्रदेश के आरक्षण समर्थक इंजीनियर कॉमिक भूले नहीं हैं। ऐसे में हम अपने स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए हमेशा अपनी लड़ाई को लड़ना जानते हैं। इसलिए ना हम सहयोग लेंगे और ना ही सहयोग देंगे।

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