पांडव कालीन सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर पर लगा भक्तों का तांता
पाली/हरदोई। महाशिवरात्रि के पर्व पर इलाके के विभिन्न शिव मंदिरों,शिवालयों में मंगलवार की सुबह से ही पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा लेकिन धानी नगला गांव के पास विवियापुर में स्थित प्राचीन सुविख्यात पांडव कालीन सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर की बात ही कुछ अलग है यहां से लोगों की अगाध आस्था जुड़ी हुई है।
भरखनी ब्लॉक मुख्यालय से पश्चिम दिशा में करीब 10 किलोमीटर दूर हरदोई शाहजहांपुर जनपद के बॉर्डर के करीब अपना अस्तित्व खो चुकी जल विहीन सेढा नदी के किनारे धानी नगला गांव के पास विबियापुर सिद्धेश्वर नाथ महादेव का मंदिर स्थित है जिसके बारे में कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान घनघोर जंगल के बीच पांडवों के ज्येष्ठ भ्राता धर्मराज युधिष्ठिर ने स्वयं अपने हाथों से यहां शिवलिंग की स्थापना की थी।
आज से करीब ढाई 300 साल पहले जानवर चराने वाले लोगों की नजर शिवलिंग पर पड़ी,उन्होंने घर ले जाने का प्रयास किया। खुदाई के दौरान फावड़े की धार शिवलिंग में लग गई जिससे रक्त की धारा प्रवाहित हो चली, जिसे देख लोग घबरा उठे। उन्होंने खुदाई को बंद कर एक कच्चा चबूतरा बना दिया और पूजा-अर्चना शुरू कर दी, धीरे-धीरे ख्याति बढ़ने लगी।
जिसको देख पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर के अल्लाहगंज कस्बा निवासी निःसंतान ओम प्रकाश मिश्र पत्नी सुकीर्ति मिश्रा के साथ पूजा अर्चना कर संतान प्राप्ति की कामना की। इसके बाद उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।उन्होंने आलीशान शिव मंदिर का निर्माण कराया।सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर पर आकर जिसने जो भी मांगा भोले भंडारी ने उसकी मुराद को पूरा किया।
वर्ष 2005 में शाहाबाद विधानसभा के विधायक बाबू गंगा भक्त सिंह के द्वारा इस स्थान का सौंदर्यकरण कराया गया। श्रावण मास में यहां पूरे महीने मेला लगता है पांचाल घाट से गंगाजल भरकर लोग यहां लाकर जलाभिषेक करते हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर भी इस पवित्र प्राचीन स्थान पर पहुंचकर भारी संख्या में शिव भक्तों ने पूजा-अर्चना की। इस दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए।