यूपी में बढ़ रही है बिजली की मांग, 2023 तक विद्युत उत्पादन 2324 मेगावाट बढ़ाने की योजना
यूपी में बिजली की मांग में उतार चढ़ाव बहुत अधिक है। शाम के समय औसतन मांग 24000 मेगावाट रहती है तो यह मांग घटकर 15000 मेगावाट पर आ जाती है। पावर कारपोरेशन की चिंता बिजली की बढ़ती मांग के मुताबिक बिजली पैदा करने की है। जिसे ध्यान में रखते हुए अगले साल 2023 में राज्य में बिजली की अनुबंधित उत्पादन क्षमता को 2324 मेगावाट बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
पावर कारपोरेशन के सूत्रों के मुताबिक इस समय प्रदेश में बिजली की कुल अनुबंधित उत्पादन क्षमता 30032 मेगावाट है। जिसे साल 2023 में 32356 मेगावाट किया जाना है। दीर्घकालीन योजना के तहत 2030 तक इस क्षमता को बढ़ाकर 40392 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा गया है।
वित्तीय वर्ष में खरीदी जा चुकी है 1312 करोड़ की बिजली
उपभोक्ताओं को निरंतर और अधिक से अधिक बिजली मुहैया कराने के लिए राज्य के सभी उत्पादन गृहों को पूरी क्षमता से चलाने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही अन्य स्त्रोतों से भी बिजली ली जाती है। इन सबके बाद भी यदि बिजली की कमी पड़ती है तो उसे पूरा करने के लिए पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदी भी जाती है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में अभी तक 1311.91 करोड़ रुपये की बिजली पावर एक्सचेंज के बाजार दरों पर खरीदी जा चुकी है।
एक साल में अधिकतम मांग बढ़कर 27750 मेगावाट
पिछले वर्ष 2021-22 में राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 22395 मेगावाट रिकार्ड की गई थी। वहीं इस वित्तीय वर्ष में अधिकतम मांग 26589 मेगावाट तक पहुंची। बिजली की बढ़ती मांग के मद्देनजर पावर कारपोरेशन का अनुमान है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में अधिकतम मांग बढ़कर 27750 मेगावाट तक जा सकती है। इसे देखते हुए बिजली की उपलब्धता और पारेषण तंत्र को मजबूत करने की कार्ययोजना बनाई गई है।