Sawan Purnima 2023: आज है श्रावण अधिक पूर्णिमा का व्रत, जानें पूजा विधि और धार्मिक महत्व

सावन के महीने में कई तीज-त्योहार और व्रत आते हैं. सावन इस साल 4 जुलाई से शुरू हुआ था जो कि 30 अगस्त तक यानी कि पूरे 59 दिनों तक रहेगा. सावन में 19 साल बाद अधिकमास लगने की वजह से यह महीना पूजा-पाठ के लिहाज से और भी खास हो गया है. अधिकमास या मलमास की शुरुआत 18 जुलाई से हुई थी जो कि16 अगस्त तक चलेगा. मलमास में पूजापाठ का विशेष महत्व होता है. आज अधिकमास की पूर्णिमा मनाई जा रही है.
सावन की पूर्णिमा पर व्रत रखने का विधान लंबे समय से चला आ रहा है. सावन की पूर्णिमा पर व्रत के साथ ही गंगा स्नन और दान करने से पुण्यफल मिलता है. इस साल सावन में दो पूर्णिमा पड़ रही हैं. आज यानी कि 1 अगस्त को सावन की पहली पूर्णिमा है, जानें कब से कब तक रहेगी पूर्णिमा तिथि और किस विधि से व्रत और पूजा करने से मिलेगा पुण्यफल.
कब लगेगी सावन अधिक पूर्णिमा तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक सावन अधिक पूर्णिमा तिथि आज यानी कि 1 अगस्त को सुबह 3 बजकर 51 मिनट पर शुरू होकर कल यानी कि 2 अगस्त को रात 12 बजे इसका समापन होगा. उदया तिथि के मुताबिक अधिक पूर्णिमा व्रत आज यानी कि 1 अगस्त को ही रखा जाएगा.
इस विधि से करें अधिक पूर्णिमा का व्रत-पूजा
अधिक पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करें और फिस साफ कपड़े पहनें. घर की सफाई कर एक चौकी लगाएं और उस पर पीला कपड़ा बिछाएं. उस पर श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें और खुद पूर्व दिशा में मुंह करके बैठें.इसके बाद विष्णु और लक्ष्मी देवी की पूजा, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, पीले फल-फूल, मिठाई, चंदन,गंगाजल आदि से करें. भगवान को मखाने से बनी खीर का भोग लगाएं और लक्ष्मीनारायण के व्रत की कथा जरूर सुनें.पूजा के बाद भगवान और देवी की आरती उतारें. पूरे दिन व्रत रखें और रात के समय पूर्णिमा के चांद को देखकर उसे अर्घ्य दें और आरती उतारकर पूजा करें.
क्या है सावन की अधिक पूर्णिमा का महत्व
सावन की अधिक पूर्णिमा का व्रत रखने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है. इस व्रत के करने से सुहागिनों का सौभाग्य अखंड रहता है. कुंवारी लड़कियों को इस व्रत से योग्य वर मिलता है. अगर कुंवारे पुरुष इस व्रत को रखते हैं तो माता लक्ष्मी और श्रीहरि उनको योग्य पत्नी का आशीर्वाद देते हैं.चंद्रमा का संबंध सीधे मन से होता है, इसीलिए इस व्रत को मन की शांति के लिए भी रखा जाता है. इससे जीवन में पॉजिटिव एनर्जी आती है.
सावन की अधिक पूर्णिमा पर करें ये उपाय
ज्योतिष के मुताबिक जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए सावन की अधिक पूर्णिमा पर व्रत रखना अच्छा उपाय है. इस दिन व्रत के साथ ही पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए और देशी घी का दीपक जलाना चाहिए.
सावन पूर्णिमा के व्रत में जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि और तुलसी की पूजा का महत्व होता है. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभफलदायी माना जाता है.