धमतरी-खेतों में भरा पानी, फसल को नुकसान की आशंका, किसान परेशान
धमतरी। पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई वर्षा ने किसानों की नींद उड़ा दी है। कीटनाशक दवाई का छिड़काव कर किसी तरह फसलों को बचाने के बाद अब पानी की बौछारों के चलते किसान परेशान हैं। पौधों में बालियां निकल आई है और फसल की कटाई कई स्थानों पर शुरू हो गया है। ऐसे में मौसम की मार से किसान चिंतित हैं। इन दिनों खेतों में तैयार धान फसल की कटाई-मिंजाई शुरू हो गई है। ऐसे में अंचल में लगातार पिछले कुछ दिनों के अंतराल में हो रही वर्षा से किसान परेशान हैं। पानी बरसने से किसानों की फसलें चौपट हो रही है। फसल नीचे गिरने से धान की बालियां पानी में डूब गई हैं। किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरते हुए नजर आ रहा है।
ग्राम बिजनापुरी के किसान नरेश पटेल, राजाराम निर्मलकर, सुरेश पटेल, ग्राम बोड़रा के हिम्मत साहू, पुरूषोत्तम ध्रुव, हरेद्र साहू, रतिराम यादव, कसही के निलू चंद्राकर, देवनंदन पटेल ने बताया कि लगातार लगातार वर्षा होने के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे फसल बर्बाद होने की स्थिति में आ गया है। हंकारा के महेंद्र साहू, गोपाल पटेल, भोज ठाकुर, डाही के रामसहाय सिन्हा, भगेला पटेल का कहना है बेमौसम वर्षा से किसानों को परेशानी उठानी पड़ती है। खेत में नमी होने के कारण अब हार्वेस्टर मशीन से धान कटाई भी मश्किल होगी। किसान दिनेश ठाकुर, ढेलू सिन्हा ग्राम पटेला, अंगारा के सरजूराम साहू, मोहन निर्मलकर, यादराम साहू, खम्हरिया के साधुराम ठाकुर, लोकेश साहू, बगदेही के शिव साहू, राकेश साहू का कहना है कि फसल तैयार होने के बाद यदि वर्षा हो जाए तो नुकसान तय है।
उत्पादन पर पड़ेगा असर
धान की तैयार हो रही फसल में अधिक वर्षा हो जाए तो इसका सीधा असर धान के उत्पादन पर पड़ता है। तेज वर्षा का उत्पादन पर असर पड़ेगा। धान के पौधों के ऊपर पानी भर गया है, ऐसे में पौधों के सड़ने की आशंका है। साथ ही तैयार धान फसल भी पानी में भींगने से प्रभावित है। धान के करपा भी पानी में भीग गए हैं। इससे भारी नुकसान तय है। किसान प्रीतम निर्मलकर ग्राम भेण्डरवानी के किसान सुरेश ध्रंवंशी, बंशीराम साहू, रवि पटेल, ने बताया कि तेज वर्षा एवं हवा के चलने के कारण फसल नीचे गिर गई है और बालियां खराब होने की स्थिति में पहुंच गई हैं। इससे धान का रंग काला पड़ जाता है जिससे इसकी सही कीमत नहीं मिल पाती। कुछ साल पहले भी इसी तरह की स्थिति बनी थी।