पीजीआई, लोहिया केजीएमयू में ऑपरेशन की प्रतीक्षा खत्म किया जाए : योगी
- शासन के अधिकारियों को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अंग प्रत्यारोपण, बाईपास सर्जरी एवं अन्य महत्वपूर्ण ऑपरेशनों की लम्बी प्रतीक्षा सूची को चरणबद्ध ढंग से कम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी चिकित्सा संस्थान प्रतीक्षा सूची को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। चिकित्सा संस्थानों की तरफ से इस सम्बन्ध में प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया जाए। चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं वित्त विभाग चिकित्सा संस्थानों के प्रस्तावों पर त्वरित निर्णय लेकर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री योगी शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्याें की समीक्षा की। एसजीपीजीआई का अपना एक स्टैण्डर्ड है। इसके दृष्टिगत एसजीपीजीआई, केजीएमयू, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान तथा मेडिकल कॉलेजों की सुपर स्पेशिएलिटी व्यवस्था के लिए अलग-अलग नीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन तीनों संस्थानों में बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए मानव संसाधन में जरूरत के हिसाब से वृद्धि की जाए। पीजीआई की कैडर रीस्ट्रक्चरिंग करते हुए तकनीकी बदलाव के कारण अनुपयुक्त हो गये पद समाप्त किये जाएं और आवश्यकतानुसार नये पद सृजित किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एडवांस न्यूरो साइंस सेन्टर, न्यूरो ट्रॉमा सेन्टर तथा गामा नाइफ के सम्बन्ध में शासन स्तर पर निर्णय हो चुका है। इन कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। इस संस्थान पर पूर्वी उत्तर प्रदेश से इलाज के लिए प्रदेश की राजधानी में आने वाले मरीजों का काफी भार होता है। इसका इस प्रकार प्रभावी ढंग से संचालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र से आने वाले मरीजों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याण सिंह सुपर स्पेशिएलिटी कैंसर संस्थान लखनऊ का प्रभावी ढंग से संचालन करने के लिए शीघ्र निर्णय लेकर व्यवस्था लागू की जाए। संस्थान को योग्य एवं कुशल विशेषज्ञों के माध्यम से संचालित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को मुम्बई के टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट की तर्ज पर संचालित किया जाना उपयुक्त रहेगा। इससे प्रदेशवासियों को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थाओं में सत्र एवं एडमिशन की प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से सम्पन्न होनी चाहिए। संस्थान के प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य को निर्धारित समय में पूरा किया जाए। चिकित्सा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध नर्सिंग कॉलेजों में शत-प्रतिशत इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं तथा कम से कम 75 प्रतिशत फैकल्टी की उपलब्धता होनी चाहिए। इनके अभाव में सम्बन्धित संस्था को मान्यता न दी जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि संस्था की फैकल्टी आधार से लिंक होनी चाहिए। फैकल्टी को एक ही संस्था से जुड़ा होना चाहिए। नर्सिंग संस्थाओं में अधिकतर संख्या बालिकाओं की होती है। इसलिए इनकी परीक्षा इनके ही संस्थान में आयोजित की जाए। परीक्षा प्रभारी किसी अन्य संस्थान का होना चाहिए, जिससे परीक्षा पारदर्शी और शुचिता पूर्ण ढंग से सम्पन्न हो सके। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशान्त त्रिवेदी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद के साथ ही इन सभी संस्थानों के निदेशक मौजूद रहे।