अमेठीउत्तर प्रदेश

सूचना मिलते ही SP अमेठी तत्काल मृतक चौकीदार के घर पहुंच कर सांत्वना देते हुए किया मदद।

अपने इसी निराले अंदाज के लिए जाने जाते हैं अमेठी के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इलामारन जी।

जी हां आपको बता दें की अमेठी जनपद के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इलामारन जी के अंदर मानवीय संवेदनाएं एवं नैतिकता कूट-कूट कर भरी हुई है। इसका जीता जागता उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब जिले के मोहनगंज कोतवाली से रात्रि ड्यूटी कर वापस जा रहे चौकीदार की हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई। चौकीदार रामप्रसाद मोहनगंज कोतवाली में ड्यूटी कर सुबह 8:00 बजे चाय पीने के लिए मोहनगंज चौराहे पर जैसे ही गया और वहां पर चाय पीकर वापस लौट रहा था तभी चौराहे पर ही उसको हार्ट अटैक आ गया और तत्काल वहीं पर गिर पड़ा राहगीरों ने पुलिस की मदद से चौकीदार राम प्रसाद को नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिलोई पहुंचाया जहां पर मौजूद डाक्टरों ने जांचोपरांत बताया कि रामप्रसाद अब इस दुनिया में नहीं रहे। इसकी सूचना उनके परिजनों को दी गई जैसे ही सूचना परिजनों को मिली परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। चौकीदार राम प्रसाद की उम्र लगभग 50 वर्ष थी यह मोहनगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत जगदीशपुर मजरे गणेहरी के निवासी थे। लोग बताते हैं कि इनकी ड्यूटी 15 दिनों में एक बार लगती थी। तत्काल मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पंचायत नामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बात की सूचना जैसे ही पुलिस अधीक्षक महोदय को लगी वह तत्काल चौकीदार के परिजनों से मिलने के लिए चौकीदार राम प्रसाद के गांव पहुंच गए। जहां पर पहुंच कर उन्होंने मृतक की पत्नी सहित पूरे परिवार से मुलाकात करते हुए मृतक चौकीदार के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। परिवार के ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है यह देख कर दुख की इस घड़ी में वह भाउक हो गए उन्होंने कहा कि वह चौकीदार ही नहीं बल्कि हमारे पुलिस परिवार का एक सदस्य थे। हम लोगों ने आज अपने परिवार के एक सदस्य को खोया है। कोई बड़ा और कोई छोटा नहीं होता है इंसान इंसान होता है। रामप्रसाद चौकीदार के रूप में भले ही सबसे निचले पायदान पर तैनात रहे हो लेकिन यदि देखा जाए तो वह सीढ़ी के प्रथम पायदान के रूप में थे। इसी के साथ पुलिस अधीक्षक महोदय ने मृतक की पत्नी को पुलिस परिवार की ओर से तत्काल मदद के रूप में 20,000/ रुपए नगद की धनराशि सौंपी । यही नहीं उन्होंने परिजनों को सांत्वना देते हुए आगे भी हर तरह के सहयोग और हर संभव मदद करने का भी आश्वासन दिया। पुलिस अधीक्षक महोदय पहले ऐसे कप्तान हैं जो अपने इस छोटे से कर्मचारी पर इतना ध्यान देते हुए तत्काल उनके घर पहुंचकर परिवार की मदद की है। बाकी तो अक्सर यह देखा जाता है कि जनपद स्तरीय अधिकारी छोटे कर्मचारियों के घर पहुंचने से गुरेज करते हैं। कप्तान साहब ने सारी सीमाओं को तोड़कर मानवीय संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल मृतक के घर पहुंचे थे। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर इलामारन जी की यही कार्यशैली और कार्य करने का अंदाज उनको औरों से अलग बनाता है। पुलिस अधीक्षक महोदय के इस कार्यशैली को जिसने भी सुना खूब सराहा इसीलिए आज चर्चा का विषय बने हुए हैं।

Lokesh Tripathi

पूरा नाम - लोकेश कुमार त्रिपाठी शिक्षा - एम०ए०, बी०एड० पत्रकारिता अनुभव - 6 वर्ष जिला संवाददाता - लाइव टुडे एवम् न्यूज़ इंडिया टीवी न्यूज़ चैनल एवं हिंदी दैनिक समाचारपत्र "कर्मक्षेत्र इंडिया" उद्देश्य - लोगों को सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना। "पत्रकारिता सिर्फ़ एक शौक" इच्छा - "ख़बरी अड्डा" के माध्यम से "कलम का सच्चा सिपाही" बनना।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button