प्रखर अभिव्यक्ति देती हैं लघुकथाएं : मीनू खरे
- साहित्यकार करुणा पांडे की कृति ‘धृतराष्ट्र के झरोखे‘ का हुआ ऑनलाइन लोकार्पण
लखनऊ। साहित्यकार डॉ. करुणा पांडे के लघुकथा संग्रह ‘धृतराष्ट्र के झरोखे’ का रविवार को लोकापर्ण हुआ। लोकापर्ण साहित्य एवं कला जगत की वरेण्य विभूतियों ने किया। लखनऊ लिटरेरी क्लब की ओर से ऑनलाइन हुए आयोजन की अध्यक्षता आकाशवाणी लखनऊ केंद्र की निदेशक डॉ. मीनू खरे ने की।
समारोह के मुख्य अतिथि तमिलनाडु के साहित्यकार डॉ. बी.एल आच्छा ने धृतराष्ट्र के झरोखे संग्रह की प्रशंसा की और इन्हें सामाजिक परिप्रेक्ष्य की लघुकथाएँ बताया। लघुकथा पर आधारित पंजाब की प्रसिद्ध पत्रिका ‘लघुकथा कलश’ के संपादक योगराज प्रभाकर ने लघुकथाओं के यथार्थ और उनमें अंतर्निहित संदेशों को रेखांकित किया।
साहित्य भूषण डॉ. मिथिलेश दीक्षित की दृष्टि में ये लघुकथाएँ अपनी भाषा-शैली और भाव-बोध में बार-बार पठनीय हैं। वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ. विद्या बिंदु सिंह ने डॉ. करुणा पांडेय के विभिन्न विधाओं में साहित्यिक प्रदेय की प्रशंसा की। अध्यक्षीय वक्तव्य में आकाशवाणी लखनऊ केंद्र की निदेशक मीनू खरे ने कहा कि लघुकथाएं किसी विशेष घटना को बहुत कम शब्दों में प्रखर अभिव्यक्ति देने का काम करती हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. नितिन सेठी ने महत्त्वपूर्ण लघुकथाओं पर विभिन्न समीक्षात्मक टिप्पणियाँ प्रस्तुत कीं। इससे पहले लखनऊ लिटरेरी क्लब की ओर से डॉ. ज्योति काला ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में बरेली के वरिष्ठ कवि रोहित राकेश ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।