पं. दीनदयाल ने नए भारत की परिकल्पना की थी : उप मुख्यमंत्री
मथुरा। पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने नए भारत की परिकल्पना की थी कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति जब तक मूल धारा में नहीं आ जाता, यानी जब तक उसके चेहरे पर मुस्कान नहीं आ जाती तब तक नये भारत और आजाद भारत की परिकल्पना पूरी नहीं मानी जाएगी। यह विचार शनिवार शाम उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पं. दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर दीनदयाल धाम, फरह के वार्षिकोत्सव के अवसर पर संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
शनिवार शाम उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक दीनदयाल धाम पहुंचकर संचालित उद्योग केंद्र, फार्मेसी केंद्र, सिलाई प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया गया। तत्पश्चात उनके द्वारा स्मारक पर पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उपमुख्यमंत्री द्वारा हरित रथ का उद्घाटन किया गया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय की सोच थी स्वदेशी, गौ संवर्धन, जैविक खेती सभी व्यवस्थाएं एक साथ हों। गौ संवर्धन की जो योजना इस दीनदयाल धाम में संचालित हो रही है इससे गौ माता के संरक्षण को मजबूती प्रदान हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी दीनदयाल धाम जैसी व्यवस्थाओं को पूरे प्रदेश में लागू करना होगा। हमने यहां पर गौ संवर्धन की जो योजना देखी है इन योजनाओं को आगे बढ़ाना और उनको पूरे प्रदेश में लागू करना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है और हम इसे लागू करेंगे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित जी ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत जो हम सभी लोगों को दिया उसको प्रधानमंत्री मोदी और योगी एक साथ आगे बढ़ा कर कार्य कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री के कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की सोच थी कि गरीबों को पक्का मकान मिले, बीज मिले, सबके में घर में शौचालय हो, सबको निःशुल्क इलाज की व्यवस्था हो, रोटी-रोजगार मिले, यदि किसी ने पूरा करने का कार्य किया है वह मोदी और योगी ने ही किया है। कोरोना काल में पूरे प्रदेश में वंचित और पीड़ितों को महीने में दो बार निःशुल्क राशन देने का कार्य मोदी और योगी द्वारा किया गया है।
विशिष्ट अतिथि महेंद्र शर्मा, क्षेत्र प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विद्या भारती द्वारा चलाए जा रहे विद्यालयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्या भारती द्वारा देश में बच्चों को संस्कारित और राष्ट्रीय भावना से युक्त शिक्षा दी जा रही है। विद्या भारती अच्छा कार्य कर रही है। मुख्य वक्ता अतुल कृष्ण महाराज ने बच्चों से कहा कि अच्छी चीजों को अपनाएं और बुरी चीजों को छोड़ें। उन्होंने बच्चों से वेद पढ़ने का आग्रह किया।