उत्तर प्रदेशलखनऊ

चौक सामूहिक आत्महत्या : साढू और साली पर प्रताड़ना की रिपोर्ट, जांच में जुटी पुलिस

तीन शव उठा तो इलाके में पसरा मातम, हर किसी के आंखों में आंसू, गुलाला घाट पर किया गया अंतिम संस्कार

लखनऊ: चौक के अशरफाबाद निवासी कपड़ा कारोबारी शोभित, पत्नी सुचिता और बेटी ख्याति का मंगलवार को गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, कारोबारी के भाई शरद की तहरीर पर शोभित के साढू विवेक सिद्धार्थ और साली मुदिता रस्तोगी पर प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने साढू और साली को हिरासत में ले लिया है। उनसे पूछताछ कर रही है।

इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने बताया कि शोभित के भाई शरद रस्तोगी ने तहरीर दी। जिसमें बताया कि शोभित का व्यापार अच्छा चलता था। कुछ वर्षों पहले शोभित का साढ़ू विवेक सिद्धार्थ और साली मुदिता रस्तोगी राजा बाजार में ही रहते थे। यहां से दोनों का आना-जाना था, लेकिन साले की मौत के बाद विवेक बहराइच स्थित ससुराल में रहने लगा था। बताया कि कुछ महीनों पहले विवेक ने शोभित से जमीन में मोटी रकम निवेश करने को कहा। जमीन बेचने पर अच्छा मुनाफा होने की बात सुनकर जमीन के नाम पर काफी रकम निवेश कर दी। रकम कम पड़ने पर शोभित ने खुद व पत्नी के नाम पर तीन बैंक से 30 लाख से ज्यादा का लोन लिया था। सारी रकम विवेक को दे दी। जब शोभित ने मुनाफा की बात करने लगा तो विवेक व मुदिता टालमटोल करने लगे। इस पर शोभित ने रकम वापस मांगी तो विवेक ने देने से साफ मना कर दिया था। इसके बाद शोभित रुपये लेने के लिए कई बार बहराइच स्थित रुपइडीहा गया, लेकिन विवेक मिलता तक नहीं था। बार-बार फोन करने पर धमकी देने लगा, इसस धमकी से वह टूट गया। जिसके बाद परिवार के साथ आत्महत्या कर ली।

दो दिन पहले ही बना ली थी योजना

कपड़ा कारोबारी शोभित रस्तोगी ने दो दिन पहले ही परिवार के साथ खुदकुशी की योजना बना ली थी। शनिवार को शोभित शाम चार बजे दुकान बंदकर घर पहुंचा। अगले दिन भाई शेखर को घर की चाबी दी, कहा कि वह ससुराल जा रहा है। वहीं, बेटी ख्याति ने सोमवार को स्कूल जाने की तैयारी कर ली थी। उसका ड्रेस भी प्रेस करके टांग दिया गया था। पर, उसे पता ही नहीं था कि अब स्कूल जाने वाली सुबह नहीं आएगी।

खुदकुशी के बाद घर गये थे रिकवरी एजेंट

सोमवार को शोभित, पत्नी सुचिता और बेटी ख्याति की खुदकुशी की सूचना पूरे इलाके में फैल गई। वहीं, दोपहर में बैंक के रिकवरी एजेंट घर गये थे। वहां जैसे ही स्थानीय लोगों से जानकारी हुई और पुलिस को देखा तो चुपके से निकल गये। पड़ोसियों ने बताया कि जो रिकवरी एजेंट अक्सर आते थे उनमें से ही दो एजेंट थे।

गुलाला घाट पर किया गया अंतिम संस्कार

इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजन को सौंप दिया गया। वहीं पर शोभित के साढू और साली भी पहुंचे थे। दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। एक ही परिवार के तीन सदस्यों के खुदकुशी के कारण पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है। तीनों शव दोपहर में घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। हर किसी के आंख में आंसू थे। गुलाला घाट पर तीनों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान मृतक शोभित के भाई और ससुराल के कुछ लोग ही मौजूद रहे। रिश्तेदारों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी।

40 हजार रुपये प्रति माह देता था किस्त

शरद ने बताया कि शोभित को एक बैंक में ही हर माह 40 हजार रुपये किस्त देनी पड़ती थी। इसके अलावा अन्य बैंकों की किस्त और साहूकारों को रुपये देने होते थे। कई माह से भाई बैंक की किस्त नहीं दे पाए थे। बैंक वाले तगादे के लिए आ रहे थे। बीते हफ्ते तीन बार आए थे। भाई इससे बेहद परेशान थे। इंस्पेक्टर चौक नागेश उपाध्याय के मुताबिक शरद ने बताया कि एक माह में दो बार उसके भाई शोभित समझौते के लिए गए थे। उन्होंने रुपयों की मांग की तो विवेक सिद्धार्थ ने साफ मना कर दिया। वहां जाकर भाई को जानकारी हुई कि विवेक और उनकी पत्नी ने सारी प्रापर्टी भी अपने नाम करा ली है। कुछ तो ससुर के जीवित रहते उन्हें बहला फुसलाकर अपने बेटों के नाम करा ली थी। उसके बाद सास से भी रजिस्ट्री करा ली थी।

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