सिराथू में केशव मौर्य की हार ने दिया भाजपा को झटका

सिराथू विधानसभा सीट पर बड़ा उलट-फेर देखने को मिला है. यहां सपा की पल्लवी पटेल ने उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और योगी सरकार-1 में डिप्टी सीएम पद पर कार्यरत केशव प्रसाद मौर्या को बुरी तरह मात दे दी है. दोनों के बीच कड़ी टक्कर चल रही थी और काउंटिंग के लेकर मतभेद के बाद चुनाव आयोग ने नतीजा साफ कर दिया है. पल्लवी पटेल को 105568 वोट मिले हैं जबकि केशव मौर्या 98727 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. पल्लवी ने मौर्या को 7337 वोटों से हरा दिया है.
सिराथू विधानसभा सीट हॉट सीट थी. सभी की निगाहें इस सीट पर लगी हुई थी. बसपा की ओर से मुंसब अली उस्मानी मैदान में थीं जिन्हें अब तक 10,016 वोट मिले हैं. कांग्रेस ने सिराथू से सीमा देवी को उम्मीदवार बनाया था. विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवे चरण में 27 फरवरी को सिराथू में मतदान हुआ था. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव लड़ने की वजह से यह हॉट सीट बन चुकी है. केशव प्रसाद मौर्य यहां से 2021 में चुनाव जीत चुके हैं. 2017 में भी यह सीट भाजपा के खाते में गई थी.
2017 में बीजेपी ने सपा को हराया
2017 के चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से शीतला प्रसाद ने समाजवादी पार्टी के वाचस्पति को 26203 वोटों के अंतर से हराया था. केशव प्रसाद मौर्य 2012 में पहली बार इस सीट से विधायक चुने गए थे. 2014 में केशव प्रसाद मौर्या के लोकसभा सांसद चुने जाने के कारण यह सीट खाली हो गई थी. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के वाचस्पति ने बीजेपी के संतोष सिंह पटेल को हराकर जीत दर्ज की थी. 2017 के चुनाव में भाजपा ने फिर से इस सीट पर कब्जा कर लिया. भाजपा के शीतला प्रसाद ने सपा के वाचस्पति को पटखनी दी थी.
बसपा का रहा है गढ़
सिराथू विधानसभा सीट बसपा का गढ़ माना जाता था. साल 1993 से लेकर 2007 तक इस विधानसभा सीट पर बसपा के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. 1993 में पहली बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राम सजीवन निर्मल ने इस सीट को जीतकर पार्टी का गढ़ मजबूत किया. साल 2012 में इस सीट पर केशव प्रसाद मौर्या ने जीत दर्ज कर बीजेपी का खाता खोला.
जातीय समीकरण
सिराथू में कुल मतदाता 340007 हैं. जिनमें से पुरुष मतदाता 194942 और महिला मतदाता 145053. इस क्षेत्र में करीब 34 फीसदी पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं. सामान्य श्रेणी के 19 फीसदी वोट हैं. दलित करीब 33 फीसदी और मुसलमान 13 फीसदी हैं. सिराथू विधानसभा सीट पर जीत-हार का फैसला अनुसूचित वर्ग के मतदाता करते आए हैं.