18 जिलों में पराली जलाने में आशानुरूप नहीं आई कमी, मुख्य सचिव ने भेजा पत्र

लखनऊ। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम के लिए पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि पहले कई पत्रों के बावजूद कुछ जिलों में प्रभावी ढंग से पराली जलाने पर रोक नहीं लगायी गयी है, इससे प्रदूषण बढ़ रहा है। इस कारण जल्द समुचित कार्रवाई की जाय। जिन जिलों में पराली जलाये जाने पर आशानुरूप कमी नहीं आयी है, उनकी संख्या 18 है।
मंगलवार को जिलाधिकारी व कृषि विभाग को जारी पत्र में कहा गया है कि समीक्षा के दौरान पाया गया कि कुछ जिलों में पराली जलाए जाने की घटनाओं में आशानुरूप कमी नहीं हुई है। इस कारण समुचित कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाय। इस विषय की गम्भीरता एवं महत्ता के दृष्टिगत इसकी नियमित समीक्षा भी की जानी चाहिए। इस संबंध में किसानों को समझाने का प्रयास भी किया जाय, जिससे वे आसानी से पराली को खाद का प्रयोग कर सकें।
जिन जनपदों में पराली जलाये जाने पर अपेक्षाकृत रोक नहीं लगायी जा सकी है। उन 18 जनपदों की सूची भी दी गयी है, जिनमें अलीगढ़, बाराबंकी, फतेहपुर, कानपुर नगर, मथुरा, हरदोई, सम्भल, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, सहारनपुर, रामपुर, खीरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, शामली, बरेली जिले शामिल हैं।