सूर्य ग्रहण: देश को नुकसान पहुंचाने वालों का आत्मबल होगा कमजोर: पं. विनोद मिश्रा

- – प्रदेश की योगी सरकार से केन्द्र की प्रतिष्ठा में होगी वृद्धि
- – केंद्र और प्रदेश के प्रशासन की स्थिति होगी मजबूत
लखनऊ। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज यानि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या, 25 अक्टूबर को पड़ा। चूंकि ग्रहण अमावस्या तिथि के अंतिम चरण में पड़ा, इस नाते इसका भारत में उतना प्रभाव नहीं माना होगा, लेकिन जिस देश में सूर्याेदय हो रहा होगा, वहां इसका प्रभाव अधिक होगा।
ज्योतिषाचार्यो की मानें तो द्वादश राशियों में से छह राशियों पर इसका प्रभाव शुभ होगा, जबकि छह के लिए अशुभ होगा। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक और ग्रहों का राजा माना गया है। इस पर किसी तरह के प्रभाव से राजा पर भी अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। सूर्य प्रशासन का ग्रह है।
भारतीय ज्योतिष अनुसंधान संस्थान के निदेशक आचार्य विनोद कुमार मिश्र के अनुसार अमावस्या तिथि सोमवार को 5ः02 मिनट पर लगी थी और आज यानि मंगलवार को 4ः35 पर समाप्त हो गई। इस कारण से यहां ग्रहण का प्रभाव ज्यादा नहीं रहेगा।
देश को नुकसान पहुंचाने वालों का आत्मबल होगा कमजोर
सूर्य चूंकि ज्योतिष में आत्मा का कारक माना गया है, इस कारण से जो लोग देश को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उनकी आत्मबल कमजोर होगा। ऐसे लोगों को बुरे परिणाम भुगतने पड़गे। वहीं इस देश के राजा का आत्मबल बढ़ेगा। उनकी स्थिति और मजबूत होगी। राजा नेतृत्व में देश का हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास होगा।
प्रदेश की योगी सरकार से केन्द्र की प्रतिष्ठा में होगी वृद्धि
आचार्य विनोद मिश्र ने बताया कि इस सूर्य ग्रहण के प्रभाव से प्रदेश की योगी सरकार से केंद्र सरकार की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सरकार की नीतियों से प्रदेश का विकास होगा।
द्वादश राशियों पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव
वहीं द्वादश राशियों की बात करें तो पहली राशि मेष के जातकों को स्त्री पीड़ा को सहन करना होगा, दूसरी राशि वृष राशि वालों को सुख, तीसरी मिथुन को चिंता सताएगी, चौथी राशि कर्क राशि वाले जातकों को दुःख सहना पड़ेगा। इसके अलावा जोडियाक की पांचवी राशि सिंह के जातकों को लक्ष्मी प्राप्त होगी, छठी राशि कन्या को नुकसान, सातवीं राशि तुला के जातकों पर हमला हो सकता है, आठवीं राशि वालों धन हानि सहनी पड़ सकती है, नवीं राशि धनु वालों को धन लाभ, दसवीं राशि मकर को सुख, ग्यारहवीं राशि कुम्भ वालों को मानहानि सहनी पड़ सकती है और जोडियाक सबसे अंतिम राशि मीन के जातकों को मृत्यु तुल्य कष्ट सहना पड़ सकता है। पंडित जी बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र समस्या निवारण के उपाय हैं, जिसको करने से कष्टों से बचा या उनको कम किया जा सकता है, इसलिए जिनकी राशियों में कष्ट है, उन्हें भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।