सीमैप ने औषधीय पौधों की उन्नत प्रजातियों को किसानों तक पहुंचाकर उत्कर्ष कार्य किया : दुर्गा शंकर मिश्रा
- सीमैप के स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे मुख्य सचिव ने की संस्थान की सराहना
लखनऊ। सीमैप का स्थापना दिवस समारोह सोमवार को मनाया गया। इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, मुख्य अतिथि के रूप में दुर्गा शंकर मिश्रा, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन थे। मुख्य अतिथि दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि सीमैप उन्नत कृषि तकनीकियों के साथ ही औषधीय व सगंध पौधों की उन्नत प्रजातियों को किसानों तक पहुंचाकर बहुत ही उत्कर्ष कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि मुझे आज इस संस्थान में आयोजित सीएसआईआर-सीमैप के स्थापना दिवस समारोह मे आकर बड़ी प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि उन्नत प्रजातियों से किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा है तथा उद्योग जगत को गुणवत्तायुक्त कच्चा माल औषधीय पौधों के रूप में उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि अगले 25 वर्षों का रोडमैप बनाएं कि आपके अनुसंधान द्वारा किस प्रकार 25 वर्षों के बाद भी देश व आमजन मानस का उत्थान हो सके।
निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने सीएसआईआर-सीमैप की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सीएसआईआर-सीमैप लगभग 60 वर्षों से औषधीय एवं सगंध पौधों में अनुसंधान एवं विकास कार्यों के अंतर्गत औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि तकनीकियां, उन्नतशील प्रजातियां एवं प्रसंस्करण तकनीकियों को विकसित कर किसानों को उपलब्ध करा रहा है। इससे किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा है तथा उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. जी. एन. सिंह, सलाहकार, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ने कहा कि सीएसआईआर-सीमैप औषधीय एवं सगंध पौधों के क्षेत्र में अतुल्य कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत उन्नत प्रजातियों, उन्नत कृषि तकनीकियों एवं उन्नत आसवन इकाइयों का विकास किया गया है। इससे किसानों को अच्छी गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री मिल रही है। फलस्वरूप किसानों व औषधीय एवं सगंध पौधों से जुड़े उद्योगों को लाभ हो रहा है। डॉ सिंह ने कहा कि मेंथा की खेती से उत्तर प्रदेश ने 7000 करोड़ कि इकॉनमी को हासिल किया है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. मनोज प्रसाद, वैज्ञानिक 7, एनआईपीजीआर, नई दिल्ली द्वारा स्थापना दिवस व्याख्यान “फीडिंग द 10 बिलियन बाइ 2050: ए जीनोमिक्स पर्सपेक्टिव” विषय पर प्रस्तुत किया गया। डॉ. प्रसाद ने बताया कि आज भारत तथा विश्व की बढ़ती जनसंख्या को आहार तथा पोषण उपलब्ध कराने मे मिलेट्स का अधिक महत्व है। आने वाले समय में मिलेट्स खाद्यान्न के रूप में अति महत्वपूर्ण भूमिका विश्व स्तर पर निभा सकते हैं। इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ द्वारा प्रकाशित सीमैप समाचार पत्र का विमोचन अतिथियों व निदेशक द्वारा किया गया।
इस अवसर पर संस्थान द्वारा फूलों से निर्मित सुगंधित अगरबत्ती व कोन तकनीकी को मेसर्स प्रकृति डिवाइन इनसेन्स, गुरुग्राम, हरियाणा को हस्तांतरित की गयी। स्टार्टअप के अंतर्गत मेसर्स वागले, बंगलोर ने सीएसआईआर-सीमैप द्वारा विकसित हर्बल उत्पादों जैसे लिपबाम, पॉलीहर्बल टूथ पेस्ट, एंटी डंड्रफ शैम्पू (जिरेनियम एक्टिव) हेयर ऑइल (सिम-केश), एक्ने प्रिवेंटिव फेसवाश, क्लींजी (हर्बल फेसवाश) उत्पादों को मार्केट करने के लिए मार्केट सीडिंग एग्रीमंट पर हस्ताक्षर किए।