उत्तर प्रदेशलखनऊ

कोरोना के बावजूद एक साल में 30 फीसदी बढ़ा यूपी का निर्यात

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं का असर अब दिखने लगा है। कोरोना संकट के दौरान जब दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त थी थीं, उस समय भी उत्तर प्रदेश के डेयरी उत्पाद, लेदर, टेक्सटाइल और ग्लासवेयर कारोबारियों के बनाए उत्पादों की विदेशों में खूब मांग हो रही थी। जिसका लाभ उठाते हुए सूबे के लेदर, टेक्सटाइल, खिलौने, इलेक्ट्रानिक्स और कालीन कारोबारियों ने अपने उत्पादों को विदेशों में भेजकर निर्यात का ग्राफ ऊपर उठाया हैं।

राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले प्रोत्साहन के चलते ही इस वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्यात का आंकड़ा 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है। बीती फरवरी तक के आंकड़ों में ही 30 फीसदी निर्यात वृद्धि के साथ यूपी से 1,40,124.5 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों का निर्यात हो चुका है। इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण (60 फीसद) भूमिका ओडीओपी उत्पादों की है।

अब प्रदेश सरकार निर्यात में हुए इस इजाफे के सिलसिले को बरकरार रखने हुए एक नया रिकार्ड बनाने के प्रयास में है। राज्य में एमएसएमई व निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ नवनीत सहगल के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के फरवरी तक के निर्यात के आंकड़ें यह बता रहे हैं कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्यातकों को दी जा रही सुविधाओं व सहायता के सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं।

इन आंकड़ों के अनुसार बीते साल 2020-21 में फरवरी तक 1,07,424.5 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, जबकि इस वर्ष 2021-22 में फरवरी तक 1,40.123.5 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है। राज्य के निर्यात में इजाफे की कई वजहें हैं। सबसे पहली वजह राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था के चलते बना औद्योगिक माहौल है। इसके कोरोना संकट के दौरा सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों को खुला रखने का लिया गया फैसला और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कस्टम से समन्वय का विकसित किया गया तंत्र रहा है। इसके अलावा राज्य के उत्पाद को निर्यात करने के लिए विदेशों के भारतीय दूतावासों से तालमेल करना और 75 जिलों का डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्लान बना तथा जिलों को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करना रहा है।

लेदर गुड्स, स्पोटर्स गुड्स, केमिकल, टेक्सटाइल्स व हैण्डीक्राफ्ट सहित 100 उत्पाद चिन्हित करने के लिए गए फैसले से भी यूपी के निर्यात में इजाफा हुआ है। अब निर्यात के क्षेत्र में यूपी समुद्र तटीय राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के बाद पांचवें स्थान पर हैं। जबकि लैंडलॉक स्टेट (मैदानी राज्यों) में यूपी निर्यात के क्षेत्र में पहले नंबर पर है। सरकार की नीतियों के चलते ही अब यूपी से निर्यात के ग्राफ में लगातार वृद्धि हो रही है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निर्यात बढ़ना बड़ी बात है।

निर्यात विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब यूपी में हर तरह के उत्पादों के निर्यात में वृद्धि रही है। बीते एक वर्ष में यूपी से डेयरी उत्पाद, प्राकृतिक शहद, खाद्य उत्पाद, एनीमल आर्जिन प्रोडेक्ट, सब्जियां, फल, चाय, मसाले, अनाज, चीनी और चीनी कन्फेक्शनरी, खनिज ईंधन, तेल, अकार्बनिक रसायन, कार्बनिक रसायन, फार्मास्युटिकल उत्पाद, एल्बुमिनोइडल, प्लास्टिक और उससे बने सामान, रबड़, चमड़े की वस्तुएं, मोती आदि के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है।

सबसे अधिक करीब 25 हजार करोड़ रुपये के इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद निर्यात किये गए, जबकि करीब चार हजार करोड़ रुपये का फर्नीचर राज्य से विदेशों में भेजा गया है। निर्यात में हो रही इस इजाफे के चलते ही वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य के निर्यात का आंकड़ा 1.50 लाख करोड़ रुपये पार कर जाने की प्रबल संभावना है।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button