रालोद 14 अप्रैल को लखनऊ में करेगा निकाय चुनाव की बैठक, जारी होगी उम्मीदवारों की पहली सूची

लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) का राज्य स्तरीय दर्जा जाने के बाद उस पर छाये संकट बादल फिलहाल निकाय चुनाव सम्पन्न होने तक टल गए हैं। इस बीच पार्टी के चुनाव चिन्ह बदले जाने को लेकर जिन कार्यकर्ताओं में मायूसी दिख रही थी उनमें एक बार फिर से उत्साह बढ़ गया है। अब पार्टी स्तर पर भी निकाय चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया गया है। इसको लेकर शुक्रवार को संगठनात्मक और चुनावी रणनीति को लेकर अहम बैठक है। इसमें पार्टी के शीर्ष नेता और पदाधिकारी कार्यकर्ता के साथ उम्मीदवारों और उनकी जीत को लेकर मंथन करेंगे।
रालोद के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया कि निकाय चुनाव को लेकर एक पार्टी नेताओं के साथ एक अहम बैठक 14 अप्रैल को बुलाई गई है। इसमें हमारे सहयोगी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ निकाय चुनाव में किस तालमेल के साथ मैदान में उतरना है उस पर चर्चा होगी और रणनीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही हमारे दल के चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों के नाम पर मंथन किया जाएगा। सहयोगी दल के साथ किन—किन सीटों पर हमें लड़ना और जीत दर्ज करनी है इसको लेकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। यह चुनाव हमारे लिए आने वाले लोकसभा की तैयारी वाला भी होगा। इसलिए हमारा पूरा फोकस निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को जीत दर्ज कराने के लक्ष्य का होगा।
सिम्बल पर निकाय चुनाव लड़ने का मिलेगा लाभ
रालोद का राज्य स्तरीय दर्जा समाप्त होने के बाद उसके हैंडपम्प सिम्बल को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। लेकिन बुधवार की शाम जैसे ही राज्य चुनाव आयोग के इस पर फिलहाल फैसला टालने का निर्णय कार्यकर्ताओं को पता चला, उनमें नई ऊर्जा भर गई। अब सिम्बल पर निकाय चुनाव में कार्यकर्ताओं में खुशी है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में रालोद से जुड़े कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारी की दावेदारी करने वालों ने अपने—अपने वार्ड और इलाके में जनसम्पर्क शुरू कर दिया। बुलंदशहर के पार्टी कार्यकर्ता बलबीर गुर्जर ने बताया कि निकाय चुनाव में सिम्बल पर चुनाव लड़ने का उम्मीदवार को लाभ मिलेगा और हम सत्ता दल के कार्यकर्ताओं को कड़ी टक्कर दे सकेंगे।