खेती-किसानी

पाकिस्तानी बॉर्डर से मेरठ में बासमती बीज लेने आए किसान

मेरठ स्थित बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान (बीईडीएफ) के सहयोग से पूरे देश में बासमती धान की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। बीईडीएफ ने बासमती धान की बुआई को बढ़ावा देने के लिए बीज वितरण शुरू किया है। इस बीज को लेने के लिए पाकिस्तान बॉर्डर के पास के जम्मू-कश्मीर के किसान भी मेरठ पहुंचे हैं।

भारत का बासमती चावल पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है और बासमती के निर्यात से हजारों करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा देश में आ रही है। भारतीय बासमती की निर्यात योग्य प्रजाति तैयार करने में मेरठ का बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पूरे देश में बीईडीएफ के माध्यम से बासमती की उन्नत प्रजातियों की बुआई हो रही है।

बीज वितरण मेले में पहुंचे कई राज्यों के किसान

मोदीपुरम स्थित बीईडीएफ परिसर में सोमवार को बासमती बीज वितरण मेला एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार वल्लभभाई कृषि विवि के निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह और संयुक्त कृषि निदेशक अमरनाथ मिश्रा ने किया। बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा के निर्देशन में देश में विकसित बासमती धान की उन्नत प्रजातियों का प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम में उप्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली आदि राज्यों के किसानों ने भाग लिया।

पहले दिन 50 लाख का बासमती बीज बेचा

बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रितेश शर्मा ने बताया कि मेले के पहले दिन सुबह चार बजे से ही किसान बीज लेने के लिए जुट गए और 50 लाख रुपए कीमत का लगभग 500 कुंतल बीज की बिक्री हुई। अभी पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1401, पूसा बासमती 1637, पूसा बासमती 1728, बासमती 370, सीएसआर 30 प्रजाति का बीज उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस बार बासमती के क्षेत्र में वृद्धि होगी।

पाकिस्तान के बॉर्डर से भी पहुंचे किसान

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के किसान कुलविंदर सिंह भी मेरठ से 3.5 कुंतल बासमती बीज लेकर गए हैं। 20 एकड़ में बासमती की खेती करने वाले कुलविंदर ने बीईडीएफ के उन्नत प्रजाति के बीजों की सराहना की और इससे अधिक उत्पादन होने की बात की। हरियाणा के सिरसा जिले के प्रगतिशील किसान राजेश कुमार ने बीईडीएफ के कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने बताया कि बीईडीएफ के सहयोग से धान की फसल में बायो पेस्टीसाइड का प्रयोग बढ़ रहा है। वह 50 एकड़ में धान लगा रहे हैं। अच्छी प्रजाति का बासमती बोने से उसका विदेश में भी निर्यात होता है। इससे किसानों को अच्छी आमदनी होती है। इसमें भारत सरकार का सहयोग सराहनीय है। धान की फसल में पानी का प्रयोग कम करने के लिए ड्रिप इरीगेशन का प्रयोग बढ़ रहा है। इसमें सरकारी योजनाएं कारगर साबित हो रही है और युवा किसानों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है। इसके साथ ही जम्मू के किसान गुरविंदर सिंह भी मेरठ से बीज लेकर गए।

कृषि मेले में गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कृषि विश्वविद्यालय के प्रो. गोपाल सिंह, डॉ. राजेंद्र सिंह बीईडीएफ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा, वैज्ञानिक अधिकारी प्रमोद तोमर, मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अनुपम दीक्षित आदि ने व्याख्यान दिए। इस दौरान विभिन्न तकनीकों पर भी चर्चा हुई और किसानों ने कृषि में तकनीक का प्रयोग करने का संकल्प लिया।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button