सब्जियों के पौधों का रखें विशेष ख्याल, नीम अर्क के साथ ही करें टाॅनिक का छिड़काव

- वैज्ञानिकों की सलाह, 15 दिन है सब्जियों के लिए विशेष, रोगग्रस्त न होने दें पौधों को
लखनऊ। धीरे-धीरे ठंड की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे में किसानों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। यही मौसम है, जब रबी की बुआई के साथ ही सब्जियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सब्जियों में इस समय खाद के साथ ही टाॅनिक छिड़काव होना चाहिए। इसके साथ ही कीट के प्रति सजग रहें, लक्षण दिखते ही उस पर दवा छिड़काव करें। विशेष रूप से नीम के अर्क का छिड़काव करने से कीटों से बचाव के साथ ही पौधों के लिए टाॅनिक का भी काम करेगा।
भारतीय सब्जी अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. एबी सिंह का कहना है कि बदल रहे मौसम में विशेषकर टमाटर, बैगन और मिर्च की फसल पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। मिर्च में पौधों के वृद्धि का यह समय है। जब नई पत्तियां आएंगी तो उसे खाने के लिए कीड़ों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसके लिए नीम अर्क का छिड़काव करना चाहिए। इसके साथ ही इस समय डाई और सल्फेट को मिट्टी में डालकर सिंचाई कर देनी चाहिए। जैसे पैर सहने भर खेत हो जाए, तुरंत उसमें कुष्ट रोग निवारण की दवा के साथ ही टाॅनिक का भी छिड़काव करने से पौधे जल्द तैयार हो जाएंगे।
हरी मिर्च के स्पेशलिस्ट वैज्ञानिक डा. राजेश राय ने बताया कि यही 15 दिन है, जिसमें मिर्च के पौध अच्छे या खराब होंगे। इस दौरान किसानों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत होती है। इस समय वायरस जनित रोगों से बचाने के लिए किसानों को विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि पौधों में रोग न भी लगे हों तो हल्की दवाएं इमिडा या नीम अर्क का छिड़काव हर सप्ताह करनी चाहिए।
वहीं डा. संजय ने बताया कि बैगन पर भी इस समय कीड़ों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसके लिए पानी के साथ ही नीम की खली जड़ में देनी चाहिए। इसके साथ नीम के अर्क का छिड़काव करते रहने से पौधे मजबूत तो होंगे ही, वे रोगों से भी मुक्त रहेंगे। डा. मुनीष ने बताया कि हरी मटर के पौधों पर गोबर की खाद का घोल बनाकर छिड़काव करना लाभदायक होता है।