रामायण विश्वविद्यालय में भगवान राम के 1000 वर्षों का होगा शोध, लिखा जाएगा नया इतिहास
अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम राम की महिमा और उनके जीवन की गहन जानकारी अब अयोध्या में स्थापित हो रहे रामायण विश्वविद्यालय में उपलब्ध होगी। महर्षि महेश योगी का सपना था कि अयोध्या में ऐसा एक विश्वविद्यालय बने जहाँ राम के जीवन और उनके प्रभाव पर गहराई से अध्ययन और शोध किया जा सके। अयोध्या में नेशनल हाईवे के बगल बन रहे इस रामायण विश्वविद्यालय में 2025 से पढ़ाई शुरू हो जाएगी और यहाँ छात्र राम के जीवन, उनके आदर्शों और उनके समय के समाज पर गहन शोध कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह केवल राम के जीवन की 100 वर्षों की कथा तक सीमित नहीं रहेगा। यहाँ पर 900 वर्षों तक राम के जीवन और उनकी वंश परंपरा का भी शोध होगा। लव और कुश के बाद उनकी कई पीढ़ियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी, जिससे भगवान राम के 1000 वर्षों के जीवन काल का एक नया इतिहास लिखा जाएगा। बताया जाता है कि रामायण विश्वविद्यालय में शोध का मुख्य उद्देश्य भगवान राम के जीवन से जुड़ी कहानियों और घटनाओं की सच्चाई को सामने लाना है।
वर्तमान में राम के जीवन के केवल 100 वर्षों की कहानी से परिचित हैं, लेकिन इस विश्वविद्यालय के माध्यम से उनकी वंश परंपरा और उनके प्रभाव की गहरी समझ को उजागर करने का प्रयास होगा। भगवान राम के 1000 वर्षों के जीवन काल का अध्ययन भारतीय समाज को एक नया दृष्टिकोण देगा। महर्षि महेश योगी के इस सपने के साकार होने से अयोध्या एक विशेष ज्ञान का केंद्र बनेगा।