उत्तर प्रदेशलखनऊ

17 रुपये प्रति यूनिट बिजली बेचने के संबंध में पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग को भेजा पत्र

लखनऊ। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर रुपया 12 प्रति यूनिट की सीलिंग कानून बनने के बाद भी रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले में उपभोक्ता परिषद के खुलासे के बाद पावर कारपोरेशन भी मैदान में आ गया है। पावर कॉर्पोरशन के चेयरमैन ने केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग व ऊर्जा मंत्रालय को इस संबंध में शुक्रवार को पत्र भेजकर इसकी जांच कराकर सही निर्णय लेने का आग्रह किया है। जांच के बाद कई खुलासे हो सकते हैं।

उपभोक्ता परिषद की लंबी लड़ाई के बाद केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की संस्तुति के बाद केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा 01 अप्रैल को पूरे देश में पावर एक्सचेंज पर डेहेड मार्केट (डीएएम)व रियल टाइम मार्केट(आरटीएम) पर अधिकतम रुपया 12 प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

दो दिन पहले जब उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की वेबसाइट पर बिजली खरीद की पूरी रिपोर्ट को सर्च किये तो तथ्य सामने आया की पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट(टी0ए0एम) के अंतर्गत रुपया 13 प्रति यूनिट से लेकर अधिकतम रुपया 17 प्रति यूनिट तक बिजली बेची जा रही है, जिसका खुलासा उपभोक्ता परिषद द्वारा करने के तुरंत बाद देश के निजी घरानों में हड़कंप मच गया।

उपभोक्ता परिषद् ने कहा अब जब पूरे देश में पावर की दिक्कत है, भीषण बिजली संकट है ऐसे में केंद्र सरकार को देश में पावर क्राईसेस घोषित करते हुए पावर एक्सचेंज पर रुपया 6 प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने की नयी सीलिंग लगाना चाहिए। रुपया 12 प्रति यूनिट की बिजली की सीलिंग भी बहुत ज्यादा है।

पूरे देश में इस इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर अंधेर गर्दी के खिलाफ उपभोक्ता परिषद की विधिक लड़ाई पर दूसरे राज्य भी साथ आने लगे और सपोर्ट में आवाज उठाने लगे। इसी बीच उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरशन के चेयरमैन एम देवराज ने भी केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग व ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार को एक पत्र भेजते हुए यह मांग उठाई है की इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट (टी0ए0एम) पर अधिकतम रुपया 17 प्रति यूनिट की बिजली बेची जा रही है।

जो केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए गए कानून 1 अप्रैल के पूर्णतया खिलाफ है। ऐसे में तत्काल कानून में बदलाव किया जाए और पावर एक्सचेंज पर जो रुपया 12 प्रति मिनट की अधिकतम सीलिंग डे अहेड मार्किट व रियल टाइम मार्केट पर लागू है वही इस टर्म अहेड मार्केट पर भी लागू की जाय।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद व पावर कारपोरेशन के एक साथ आने की वजह से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय काफी गंभीर है। देश के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने यह ऐलान किया है कि बहुत जल्दी केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 107 के तहत इस पूरे मामले को लोक महत्व का विषय मानते हुए केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग को अबिलम्ब कानून को और सख्त करते हुए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज द्वारा टर्म अहेड मार्केट में जो रुपया 17 प्रति यूनिट की बिजली बेची जा रही है। उस पर अभिलंब प्रतिबंध लगवाने के लिए कानून में संशोधन कराकर उसे लागू कराया जाएगा।

उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज एक बार फिर पावर कॉर्पोरशन के चेयरमैन एम देवराज से मुलाकात कर उपभोक्ता परिषद की इस लड़ाई में पावर कॉर्पोरशन का साथ देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया और प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत कटौती से तत्काल निजात दिलाई जाए का मुद्दा भी उनके सामने रखा, जिस पर पावर कॉर्पोरशन के चेयरमैन ने कहा युद्ध स्तर पर पावर कारपोरेशन प्रयास कर रहा है। जल्द से जल्द प्रदेश की जनता को राहत दिलाने की दिशा में सार्थक परिणाम सामने आएंगे।

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