लखनऊ विकास प्रधिकरण का बदलेगा नाम, होगा सीमा विस्तार
लखनऊ। बाराबंकी के तीन ब्लॉक तथा एक नगर पालिका परिषद एलडीए की सीमा में शामिल होगा। प्राधिकरण ने बाराबंकी के निंदूरा, देवा, बंकी विकास खंड तथा नगर पालिका परिषद नवाबगंज को अपनी सीमा में शामिल करने प्रस्ताव शासन को भेजा है। लीडा तथा सीडा के साथ लखनऊ के अन्य सभी विकास खंडों के बचे क्षेत्र भी एलडीए की सीमा में शामिल होंगे। इसी के साथ लखनऊ विकास प्राधिकरण का नाम बदलकर लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण किया जाएगा। इन क्षेत्रों को शामिल करने के बाद एलडीए का दायरा 3091 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। अभी 1051 वर्ग किमी है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा विस्तार के संबंध में अपर मख्य सचिव मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 5 जुलाई 2022 को बैठक हुई थी। बैठक में लखनऊ में हो रहे अनियोजित विकास पर नाराजगी जाहिर की गई थी। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री ने एलडीए को अनियोजित विकास रोकने के लिए अपनी सीमा का विस्तार करने का निर्देश दिया था। खासकर अयोध्या रोड पर बाराबंकी तक हो रहे अनियोजित विकास के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा था। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद अब एलडीए ने सीमा विस्तार का प्रस्ताव तैयार करा लिया है। 10 अगस्त को एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने सीमा विस्तार का प्रस्ताव प्रमुख सचिव आवास को भेज दिया है। बोर्ड बैठक में इसे पास करा विस्तृत रिपोर्ट के साथ भेजा जाएगा।
लखनऊ के इन विकास खंडों के सभी गांव व क्षेत्र दायरे में आएंगे, सरोजनी नगर विकास खंड, मलिहाबाद, काकोरी, बख्शी का तालाब, गोसाईगंज तथा मोहनलालगंज विकासखंड के सभी अवशेष गांव व क्षेत्र को भी एलडीए की सीमा में शामिल होंगे। इसके अलावा यूपी सीडा तथा लीडा दोनों के क्षेत्रों को भी लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण की सीमा में शामिल किया जाएगा। बाराबंकी लखनऊ से बिल्कुल सटा है। बाराबंकी को विकास प्राधिकरण बनाया जाना संभव नहीं है। विकास प्राधिकरण न होने की वजह से बाराबंकी में काफी अनियोजित विकास हो रहा है। इस अनियोजित विकास को रोकने तथा सुनियोजित विकास के लिए इसकी जरुरत पड़ी।
ऐसे बढ़ता गया दायरा
– 11 सितंबर 1974 को एलडीए विकास क्षेत्र अधिसूचित हुआ। उस समय 8 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र था
– 6 जनवरी 1999 को फैजाबाद तथा सीतापुर रोड के 16 गांव एलडीए में शामिल हुए
– 27 जनवरी 2009 को 197 नए गांव शामिल हुए
– बाद में लीडा बनने के बाद 37 गांव एलडीए की सीमा से हटाए गए
– 19 नवंबर 2014 को काकोरी के 14 गांव सीमा में शामिल हुए।
2014 में दो क्षेत्रों को शामिल करने का बना था प्रस्ताव
बाराबंकी के फतेहपुर तहसील तथा नवाबगंज को एलडीए की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव 2014 में बना था। बोर्ड से प्रस्ताव पास कर शासन भेजा गया था। लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था।
इन क्षेत्रों को शामिल करने की तैयारी
– निंदूरा विकासखंड का संपूर्ण क्षेत्र
– बाराबंकी के देवा विकासखंड के सभी गांव व क्षेत्र
– बाराबंकी के बंकी विकासखंड के संपूर्ण गांव व क्षेत्र
– बाराबंकी के नगर पालिका परिषद नवाबगंज का पूरा क्षेत्र
सीमा में शामिल होने से होंगे यह फायदे
– एक नगर पालिका परिषद भी एलडीए की सीमा में शामिल की जाएगी
– निंदूरा, देवा, बंकी विकास खंड को सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया
– सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान
– सड़कों की चौड़ाई निश्चित होगी
– सुविधाओं के लिए जमीन का भू-उपयोग निर्धारित किया जाएगा
– विस्तार होते ही लोगों को मकान बनाने के लिए एलडीए से नक्शा पास कराना होगा
– निर्धारित मानक के अनुसार ही मकान बनेंगे
– अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगेगा
– मास्टर प्लान बनने के बाद ग्रीन बेल्ट, बस अड्डे, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, परिवहन सुविधा, स्पोर्ट्स, पार्क सहित अन्य सुविधाओं के लिए जमीन चिन्हित की जा सकेगी।
3091 वर्ग किमी हो जाएगा विकास क्षेत्र
बाराबंकी के चार क्षेत्रों को प्राधिकरण की सीमा में शामिल करने तथा लखनऊ के बचे हुए हिस्से को मिलाने पर दायरा लगभग 3 गुना बढ़ जाएगा। अभी विकास क्षेत्र 1051 वर्ग किलोमीटर है। बाराबंकी के शामिल होने पर 3091 वर्ग किमी हो जाएगा।