“ज्ञानदान पूर्वजों के लिये सच्ची श्रद्धांजलि है”: उमानंद शर्मा

- गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 432वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना
गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘आर्यकुल कॉलेज ऑफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च, रायबरेली, उ0प्र0’’ के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 432वाँ ऋषि वांड़मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री सुश्री रेनू श्रीवास्तव ने अपने पूज्य माताजी स्व० उर्मिला श्रीवास्तव एवं पूज्य पिताजी स्व० बी० डी० श्रीवास्तव की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्षों एवं फार्मेसी के अधिकारीगणों को (हिन्दी) अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “ज्ञानदान पूर्वजों के लिये सच्ची श्रद्धांजलि है।” आर्य टी०वी० के प्रमुख डॉ० अजय शुक्ला ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का समापन संस्थान के प्रधानाचार्य प्रो० एन० के० अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।
इस अवसर पर श्री उमानंद शर्मा, श्रीमती सावित्री शर्मा, श्री देवेन्द्र सिंह, सुश्री रेनू श्रीवास्तव, संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ० सशक्त सिंह, प्रधानाचार्य प्रो० एन० के० अग्रवाल, आर्य टी०वी० के प्रमुख डॉ० अजय शुक्ला, प्रो० वी० के० सिंह, प्रो० आदित्य सिंह सहित कॉलेज की शिक्षक-शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।