रोना नहीं है बच्चे, तुमको ठीक करेंगे; ये बोलकर खुद अस्पताल में रोने लगीं लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए सड़क हादसे में घायलों का हाल जानने लखनऊ कमिश्नर डॉक्टर रोशन जैकब अस्पताल पहुंची। पीड़ितों से मिलकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। वह पीड़ितों को दिलासा भी दे रही थी और रो भी रही थी। एक घायल बच्चे से मिलकर वो खुद उसे न रोने की सलाह देकर खुद रो पड़ीं। उनकी वीडियो सोशल वीडियो पर वायरल हो गई। बता दें कि बुधवार सुबह नौ बजे यात्री बस ट्रक से टकरा गई। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई जबकि 35 घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल यात्रियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंची। अस्पताल आने वाले घायलों से उन्होंने खुद बात की। एक-एक कर घायलों के बिस्तर पर जाकर उनकी हालत जानी। साथ ही डॉक्टरों को जल्द और अच्छे इलाज देने के भी निर्देश दिए। मरीजों से मिलते समय उन्होंने अस्पताल में भर्ती एक मां को रोते हुए देखा। उन्होंने डॉक्टरों से उसके बारे में पूछताछ की।
डॉक्टरों ने कमिश्नर को बताया कि महिला के बच्चे की हालत बेहद गंभीर है। इस महिला के घर की दीवार बारिश के दौरान गिर गई थी। दीवार गिरने से उसके एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं दीवार के नीचे एक बच्चा दब गया, जिसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। बच्चे का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। डॉक्टर की बात सुनकर डॉक्टर रोशन जैकब बच्चे की मां के पास पहुंची। उन्हें बेहतर इलाज का आश्वासन दिया।
#WATCH |Lakhimpur Kheri bus-truck collision: Lucknow Divisional Commissioner Dr Roshan Jacob breaks down as she interacts with a mother at a hospital&sees condition of her injured child
At least 7 people died&25 hospitalised in the accident; 14 of the injured referred to Lucknow pic.twitter.com/EGBDXrZy2C
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 28, 2022
उन्होंने मां से बच्चे का हालचाल पूछा तो महिला रोने लगी। वहीं बच्चा दर्द के कारण रो भी रहा था। बच्चे और मां का दर्द देख डॉ. रोशन जैकब की भी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने बच्चे की मां को दिलासा दिया और बच्चे से कहा कि रोना नहीं है बच्चे, तुमको ठीक करेंगे। लेकिन मां और बच्चे को चुप करवा रही रोशन जैकब की खुद के आंसूं नहीं रुक रहे थे। उन्होंने तुरंत डॉक्टरों को बच्चे का उचित इलाज करने के निर्देश दिए। कहा- आप लोग रेड क्रॉस के फंड से इस बच्चे का इलाज कराएं। किसी भी मामले में, बच्चे को सबसे अच्छा इलाज दें।