उपभोक्ता परिषद ने बिजली दर कम करने की मांग की

- नियामक आयोग के चेयरमैन व सदस्यों से मिले उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह, सदस्यगण बीके श्रीवास्तव व कौशल राज शर्मा से अलग-अलग मुलाकात कर बिजली दर को कम करने की कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि नियामक आयोग द्वारा मांगे गये रिटेल टैरिफ का जवाब दाखिल नहीं किया गया। वे सिर्फ मनमानी करने पर उतारू है। ऐसे में नियामक आयोग को अपनी कार्रवाई करनी चाहिए।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि मांगने के बावजूद बिजली कंपनियों द्वारा जब रिटेल टैरिफ संबंधी कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है। ऐसे में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो लगभग 20596 करोड़ रुपये निकल रहा है। उसके एवज में विद्युत नियामक आयोग को कार्यवाही करते हुए बिजली कंपनियों के एआरआर को अलग रखते हुए बिजली दरों में कमी किए जाने के लिए कार्यवाही शुरू कर देना चाहिए।
उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग से यह भी अनुरोध किया कि जब बिजली दरों में कमी की बात आती है। तब पावर कारपोरेशन हाथ खडे़ कर देता है और पूरा मामला नियामक आयोग पर डाल देता है। ऐसे में अब नियामक आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है कि वह प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी कराने को लेकर कार्यवाही को आगे बढ़ाएं। विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो रुपया 20596 करोड़ रुपया निकल रहा है। उसी को समाचार पत्रों में विज्ञापन करा कर प्रदेश के आम उपभोक्ताओं से राय ली जाए । बिजली कंपनियों को पता है कि कानूनन जब उपभोक्ताओं का पैसा निकल रहा है तो प्रस्ताव दाखिल नहीं किया जा सकता। इसीलिए बिजली कंपनियां मामले को उलझाने के लिए चुप्पी साध रही हैं।