श्वास संबंधी रोगों में लाभकारी है अनुलोम विलोम प्राणायाम
- अस्थमा के रोग में अनुलोम विलोम प्राणायाम, शवासन और धनुरासन करना काफी फायदेमंद
लखनऊ। योग और प्राणायाम नियमित करने से व्यक्ति को श्वास संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं। वहीं अगर किसी व्यक्ति को श्वास संबंधी रोग हो जाते हैं तो अनुलोम विलोम प्राणायाम और श्वासन के माध्यम से उन बीमारियों से छुटकारा भी पाया जा सकता है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. संतोष कुमार ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि योग करने से व्यक्ति को सांस संबंधी दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा और मरीज को इंहेलर लेने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। योग और प्राणायाम करने से फेफड़ों में ताजी हवा पहुंचती है और सांस से जुड़ी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इससे फेफड़े मजबूत होते हैं। अस्थमा के रोग में अनुलोम विलोम प्राणायाम,शवासन और धनुरासन करना काफी फायदेमंद होता है।
बलरामपुर अस्पताल के योग चिकित्सक डा. नन्द लाल यादव ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि अनुलोम विलोम करने से न सिर्फ फेफड़े की समस्या दूर होती है बल्कि इससे कई और समस्याएं दूर होती हैं। डा. नन्दलाल ने बताया कि अनुलोम विलोम करने से हमारे शरीर की सभी नाड़ियों का शोधन होता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक से सांस बाहर निकालते हैं। इसी तरह नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को’ नाड़ी शोधक प्राणायाम’ भी कहा जाता है।