एकेटीयू के सभी संस्थान होंगे ग्रीन और क्लीन

- विश्वविद्यालय ने संबद्ध संस्थानों से वाटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की जानकारी मांगी
लखनऊ। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने अपने संबद्ध संस्थानों को ग्रीन एवं क्लीन कैंपस बनाने की पहल की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी संस्थानों से उनके कैंपस जल संचयन, सौर ऊर्जा, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जैसी जुड़ी जानकारी मांगी है। सभी संस्थानों को मांगी गयी सूचना 15 जून तक उपलब्ध कराने को कहा गया है।
वर्तमान में सबसे ज्यादा समस्या पानी को लेकर हो रही है। गर्मी में तो हालात बद से बदतर हो जा रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जलस्तर का लगातार कम होना। बारिश का पानी यूं ही बर्बाद हो जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार लगातार लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक कर रही हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय ने अपने संबद्ध संस्थानों से उनके कैंपस में जल संचयन प्रणाली की जानकारी और उसे लगाने की योजना के बारे में जानकारी मांगी है। ताकि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने में सहयोग किया जा सके।
कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र का प्रयास है कि सभी संस्थान ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा या अन्य नवीनीकृत ऊर्जा का प्रयोग करें जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। संस्थानों से जानकारी के साथ ही भविष्य की योजना के बारे में पूछा गया है। पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय ने संस्थानों में अवजल एवं मलजल शोधन की व्यवस्था की भी जानकारी मांगी है। पानी का एक बूंद भी बर्बाद न होने पाये। जीरो डिस्चार्ज अपनाने के लिए संस्थानों ने क्या प्लान किया है, इसकी भी जानकारी मांगी गयी है। संस्थानों को कचरामुक्त बनाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की भी जानकारी मांगी गयी है।