उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

उप्र के अर्थशास्त्रियों की नजर में पूर्ण विकसित राष्ट्र की आधारशिला है आम बजट

  • अर्थशास्त्री बोले, बढ़ेगा रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अर्थशास्त्रियों ने वर्ष 2023-24 के आम बजट को समावेशी, रोजगारपरक और लोककल्याणकारी बताया है। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि यह बजट भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने की आधारशिला है। इसमें निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही युवाओं, महिलाओं, किसानों व वंचितों को वरीयता दी गई है।

वरिष्ठ अर्थशास्त्री और लखनऊ विश्वविद्यालय के अवकाशप्राप्त प्रोफेसर डा. यशवीर त्यागी ने कहा कि इस बजट में सतत विकास हेतु सार्थक कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की जो संकल्पना है ‘सबका साथ सबका विकास’, उसका इसमें पूरा ध्यान रखा गया है। वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देकर पर्यावरण और विकास के विविध आयामों के बीच अच्छा संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार से वार्ता के दौरान प्रो. त्यागी ने कहा कि भारत को अगले कुछ वर्षों में पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का जो प्रयास चल रहा है, यह बजट उसी की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि इस बजट में मध्यम वर्ग और वेतनभोगी कर्मचारियों को आयकर में राहत देकर बड़ी सुविधा दी गई है। आयकर का न्यूनतम स्लैब ढ़ाई से तीन लाख कर दिया गया है। वहीं वैकल्पिक व्यवस्था पांच से सात लाख कर दी गई है। इससे उपभोग में वृद्धि होगी। परिणामस्वरुप उत्पादन इकाईयां बढ़ेंगी और विकास के साथ रोजगार में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि बजट की खास बात यह है कि इसमें वित्तीय अनुशासन का भी ध्यान रखा गया है।

बजट में प्राकृतिक खेती पर जोर : प्रो. एमके अग्रवाल

लखनऊ विश्वविद्यालय के ही प्रो. एमके अग्रवाल का कहना है कि इस बजट को पर्यावरण के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसी रणनीति के तहत कृषि विकास के आधुनिकीकरण के साथ प्राकृतिक खेती पर जोर दिया गया है। इससे एक तरफ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और दूसरी ओर खेती में उत्पादन लागत कम होने से कृषि विकास पोषणीय व लाभकारी होगी। प्रो. अग्रवाल ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि बजट में अवस्थापना सुविधाओं पर ज्यादा धन आवंटित किया गया है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

कौशल एवं सामर्थ्य विकास के जरिये बढ़ेगा रोजगार : प्रो. एपी तिवारी

राजधानी लखनऊ स्थित शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के प्रो. एपी तिवारी ने आम बजट को विकास गामी बताते हुए कहा कि इसमें रोजगार बढ़ने की संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि बजट में जहां विकास को गति देने की कोशिश है, वहीं कौशल विकास एवं सामर्थ्य विकास के जरिये युवाओं को रोजगार योग्य बनाने पर फोकस है। साथ ही सबसे बड़ी कसौटी जो राजकोषीय संतुलन से जुड़ी है, उस पर यह बजट खरा उतरता है।

उन्होंने कहा कि खेती किसानी एवं महिला, दलित, आदिवासी एवं वृद्ध जनों के लिए बजट में जो प्रावधान किये गये हैं, उससे खपत बढ़ेगी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को खास ताकत मिलेगी। साथ ही प्राकृतिक खेती एवं मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहन देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बुनियादी तौर पर वृद्धि का प्रयास किया गया है।

आम और ख़ास सबकी पूरी हुई आस : मनीष खेमका

आर्थिक नीतियों के विशेष परखी और जीएसटी काउंसिल उत्तर प्रदेश की ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी के सदस्य मनीष खेमका आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि मोदी सरकार ने इसमें देश के क़रीब हर वर्ग की माँगो को पूरा किया है। गरीबों के लिए मुफ़्त अनाज की योजना को चालू रखा है। इस पर 2 लाख करोड़ रुपये का पूरा ख़र्च केंद्र ख़ुद उठाएगा। प्रदेश सरकारों पर आर्थिक भार नहीं डाला गया है।

उन्होंने कहा कि घाटे के बावजूद टैक्स बढ़ाने के बजाय उनमें छूट दी गई है। मध्यम वर्ग को आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सात लाख की गई है। साथ ही आयकर की अधिकतम सीमा को घटाकर 39 प्रतिशत पर सीमित किया गया है। किसानों के लिए 20 लाख करोड़ रुपयों के ऋण की व्यवस्था है। साथ ही रेलवे को 2.40 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं जोकि 2013-14 से 9 गुना अधिक हैं। इस बार केंद्र सरकार का कुल पूंजीगत ख़र्च क़रीब 13 लाख करोड़ रुपये होगा। यह हम सभी की उम्मीदों से अधिक है। इसका सीधा सा अर्थ है कि देश में इस बार विकास, व्यापार और रोज़गार के अभूतपूर्व अवसर सृजित होंगे।

मनीष खेमका के अनुसार कोरोना से उत्पन्न घाटे की चुनौतियों के बावजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इस बजट में हर प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया है।

कृषि में नवाचार को बढ़ावा : डॉ राकेश

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ राकेश कुमार तिवारी का कहना है कि बजट में मध्यम वर्ग, कृषि क्षेत्र, महिला सशक्तिकरण और चिकित्सा क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। साथ ही रोजगार वृद्धि, कृषि में नवाचार को बढ़ावा और महंगाई को नियंत्रित करने के सम्पूर्ण उपाय किये गए हैं।

इसके अलावा इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध प्रयागराज स्थित इविंग क्रिश्चियन पोस्ट ग्रेजुएट कालेज के अर्थशास्त्री डा. विवेक निगम ने भी आम बजट को रोजगारपरक और लोककल्याणकारी बताया है। उनका कहना है कि बजट में अवस्थापना सुविधाओं पर 35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी से प्रत्यक्ष रोजगार में भारी इजाफा होगा। इसके अलावा आयकर के नये स्लैब से मध्यम आय वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिली है। इससे जो मांग सृजित होगी उससे उत्पादन सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने बताया में कृषि, सहायक कृषि गतिविधियों और मत्स्य पालन का बजट बढ़ाकर सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने का प्रयास किया है।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button