ओपिनियनबड़ी खबरसंपादक की पसंद

भारत कोई धर्मशाला नहीं

  • बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ ऐतिहासिक कदम

मृत्युंजय दीक्षित


संसद के बजट सत्र- 2025 में बजट के अतिरिक्त भी कई ऐतिहासिक विधेयक पारित हुए हें जिनमें से एक है आब्रजनऔर विदेशियों विषयक विधेयक -2025 । यह विधेयक भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने वाला तो है ही साथ ही भारत की आंतरिक व वाह्य सुरक्षा तंत्र और आर्थिक तंत्र को भी मजबूत बनाने वाला भी है। जब यह विधेयक अधिसूचित होकर पूरे भारत में लागू हो जायेगा तब बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं की अवैध घुसपैठ सहित अनेक प्रकार के अपराधों पर भी लगाम लग सकेगी।

इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद कोई भी विदेशी नागरिक पहले की तरह भारत में घुस कर, भारत के किसी भी हिस्से में जाकर निवास करते हुए भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नहीं हो पाएगा। अब सीमा पार करने वाले हर व्यक्ति का पूरा डाटा एकत्र किया जायेगा । अभी भारत आने वाले विदेशी नागरिकों का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। यह विधेयक भारत की एकता, अखंडता तथा सुरक्षा के लिए अतयंत महत्वपूर्ण है।

इस बिल के लागू हो जाने के बाद अवैध रोहिंग्या/बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोकथाम ही नहीं लगेगी अपितु ऐसे अराजक तत्व जो समाज में घुल मिलकर छोटे मोटे अपराधों में संलिप्त हो रहे हैं तथा समाज का वातावरण प्रदूषित करते हुए लवजिहाद व धर्मान्तरण जैसी गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं उनसे भी निपटा जा सकेगा।

इस विधेयक पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा के दौरान स्पष्ट हुआ कि भारत में अवैध घुसपैठ की समस्या कितना विकराल रूप ले चुकी है। भारत के सभी मेट्रो शहर अवैध अराजक तत्वों के निशाने पर हैं। भारत के अधिकांश सीमावर्ती क्षेत्रों तथा समस्त पूर्वी राज्यों जिनमें असम और पश्चिम बंगाल प्रमुख हैं में यह समस्या नासूर बन चुकी है। पश्चिम बंगाल के तीन सीमावर्ती जिलों की डेमेग्राफी अवैध घुसपैठ के कारण बदल चुकी है।

गृह राज्यमंत्री नित्यांद राय ने जब सदन में बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठ की सबसे अधिक समस्या कांग्रेस शासित राज्यों कर्नाटक, झारखंड, तेलंगना तथा तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य पश्चिम बंगाल में है क्योंकि यहां की राज्य सरकारें सहयोग नहीं कर रही हैं तब विपक्षी दलो ने हंगामा करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। गृहराज्य मंत्री ने अवगत कराया कि बंगाल सरकार सीमा पर बाड़ नहीं लगाने दे रही है साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा पर टीएमसी के कार्यकर्ता ही बीएसएफ के कार्यों में बाधा डालने का काम कर रहे हैं जिसके कारण बांग्लादेशी घुसपैठ पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। लोकसभा में बहस के दौरान ही गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि भारत कोई “धर्मशाला“ नहीं हैं।

विधेयक पर बहस के दौरान घुसपैठ व शरणार्थी शब्द को स्पष्ट किया गया क्योंकि विपक्षी दलों के सांसद तुष्टिकरण की विकृत राजनीति के कारण इन दोनों शब्दों का घालमेल कर रहे थे। ये विपक्षी सांसद इस विधयेक को वसुधैव कुटुंबकम की भवना से परे बताकर भ्रम व अराजकता की राजनीति करने का प्रयास कर रहे थे किंतु सरकार ने अपने तर्कों से विपक्ष को बेनकाब कर दिया जिसके परिणामस्वरूप वे राज्यसभा में हंगामा करते हुए सदन से बाहर चले गये।
इस नये कानून में विदेशी अधिनियम 1946, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 तथा विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939 और आब्रजन (वाहक दायित्व ) अधिनियम 2000 को निरस्त करते हुए एक नया व्यापक कानून बनाने की आवयकता की पहचान करते हुए नया आब्रजन और विदेशी विधेयक 2025 लाया गया है।

नये कानून का एक उद्देश्य यह भी है कि कानूनों की बहुलता और अतिव्यापन से बचा जाये तथा विदेशियों से संबंधित मामलों को विनियमित किया जाए, जिसमें वीजा की आवश्यकता, पंजीकरण और अन्य यात्रा संबंधी दस्तावेज (पासपोर्ट) आदि शामिल है । इस नये कानून के माध्यम से भारत में प्रवेश करने और बाहर जाने वाले सभी लोगों के लिए सभी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा।

नये कानून के अनुसार किसी भी विदेशी को बिना वैध पासपोर्ट या दस्तावेजों के भारत आने पर 7 साल की जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। गलत जानकारी देने या दस्तावेजों में गड़बड़ी करने पर 3 साल की जेल और 3 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। भारत में बिना वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेजों के माध्यम से प्रवेश करने पर तुरंत हिरासत में लिया जायेगा। अब इस विधेयक के नये नियमों के अनुरूप अगर कोई मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है तो अधिक कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

यह विधेयक केंद्र सरकार को उन स्थानों का नियंत्रण करने का अधिकार भी देता है जहां विदेशियो काआना जाना लगा रहता है। इसके तहत मालिक को परिसर को बंद करने, निर्दिष्ट शर्तों के साथ इसके उपयोग की अनुमति देने या सभी या निर्दिष्ट वर्ग के विदेशियों को प्रवेश देने से मना करने का अधिकार का दिया गया है।
निरस्त किये गए कानून की कमियों का लाभ उठाकर ही बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक भारत आ रहे थे क्योंकि उस क़ानून में उनकी जांच करने तथा व्यापक पूछताछ की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। इसी कारण से आज लाखों की संख्या में अवैध नागरिक भारत में रह रहे हैं और अब वह राष्ट्रीय समाजिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में अपने भाषण के दौरान कहा कि हम नियम बनाकर अवैध घुसपैठ को रोक रहे हैं। हमारी सीमा पर कुछ संवदेनशील स्थान हैं, सेना के अड्डे हैं, उनको दुनियाभर के लिए खुला नहीं छोड़ सकते। पहले भी घुसपैठियो को रोका जा सकता था किंतु कोई नियम नहीं था अतः हमने नियम बनाने का साहस किया है । इस नये कानून से भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की जानकारी पुख्ता होगी । सुरक्षा की दृष्टि से ड्रग्स कार्टल, घुसपैठियों की कार्टल, हवाला व्यापारियों को समाप्त करने की व्यवस्था इस विधेयक में की गई है।

गृहमंत्री अमित शाह ने सदन को बताया कि सबसे अधिक बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं की घुसपैठ बंगाल से हो रही है। अब तक जितने घुसपैठिये पकड़े गये हैं, उनके आधार कार्ड बंगाल के 24 परगना क्षेत्र के है। तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता ही इन लोगों के अवैध कागज बनवा रहे हैं। नये कानून में अवैध कागज बनवाने वाले भी सजा के दायरे में आ गये हैं। नया कानून 36 धाराओं में निहित है। सभी को कानूनी रूप दिया गया है। सदन में गृहमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जो भारत में केवल भारत के हित के लिए आयेगा वहीं यहां पर रह सकेगा। अब भारत धर्मशाला नही है । सरकार उन लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार है जो पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा या व्यापार के लिए भारत आना चाहते हैं सरकार केवल उन लोगों को भारत आने से रोकेगी जिनके इरादे गलत हैं और जो हमारे लिए खतरा पैदा करेंगे उनसे गंभीरता से निपटा जायेगा।

इस कानून के माध्यम से भारत में गैरकानूनी तरीके से घुसना और यहां बसना मुश्किल हो जायेगा। रोहिंग्या/ बांग्लादेशी घुसपैठ अब चुनाव में भी एक बड़ा मुददा बन गई है । दिल्ली में तो आम आदमी पार्टी कई विधायक बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं का फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड व राशन कार्ड आदि बनवा रहे थे जिनकी जांच चल रही है । केंद्र की सरकार को पूर्ण विश्वास है कि नक्सलवाद, आतंकवाद की तरह आने वाले समय में रोहिंग्या/ बांग्लादेशी घुसपैठ का भी समाधान हो जायेगा और भारत तीव्रता के साथ विकास के पथपर अग्रसर हो सकेगा।

Khabri Adda

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button