नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिए जाने को शुक्रवार विदेशी धरती पर भारत का ‘‘अपमान’’ करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी गुस्से से ध्यान भटकाने का हथकंडा करार दिया। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस को देश भर में गुस्से और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है और विपक्षी पार्टी अब ध्यान भटकाने की रणनीति अपना रही है। वेणुगोपाल ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया है।
उन्होंने इस नोटिस में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री द्वारा कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेहरू उपनाम रखने का सुझाव देना, दोनों नेताओं के विशेषाधिकार का उल्लंघन है और सदन की अवमानना है। गोयल ने कहा कि कांग्रेस सदस्य द्वारा सौंपे गए नोटिस पर फैसला राज्यसभा के सभापति को करना है और भाजपा का मानना है कि वेणुगोपाल ने जो किया है वह ‘‘नौटंकी और ध्यान भटकाने की रणनीति’’ है।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने अपने नोटिस में प्रधानमंत्री के उस सुझाव को ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया कि उन्हें (सोनिया और राहुल) नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में क्यों शर्म आती है। उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र के पहले चरण में नौ फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में गांधी परिवार के सदस्यों पर सीधा हमला बोलते हुए पूछा था कि उन्हें नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में शर्म क्यों आती है।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू के नाम का उल्लेख नहीं होता है तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं और उनका लहू एकदम गर्म हो जाता है कि नेहरू जी का नाम क्यों नहीं दिया।
उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे ये समझ नहीं आता है कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम (उपनाम) रखने से डरता क्यों है । क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने से। क्या शर्मिंदगी है। इतना बड़ा महान व्यक्तित्व अगर आपको मंजूर नहीं है, परिवार को मंजूर नहीं है और हमारा हिसाब मांगते रहते हो।’’ वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को पता है कि पिता का उपनाम बेटी को नहीं मिलता है।