ताज़ा ख़बरदेश

एमएसपी के साथ ही बढ़ गए सरसों, मूंगफली, सोयाबीन के थोक भाव, खाद्य तेल और दालें भी हुईं महंगी

मोदी सरकार द्वारा कुछ तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाए जाने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल सहित अधिकांश तेल-तिलहनों की कीमतें तेजी दर्शाती बंद हुईं। वहीं, इंदौर के दाल चावल बाजार में बुधवार को चना की दाल 150 रुपये, तुअर (अरहर) की दाल 200 रुपये, मूंग की दाल 100 रुपये और उड़द की दाल के भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी हुई।

दिल्ली मंडी में बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे

  •      सरसों तिलहन – 7,590-7,640 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
  •      मूंगफली – 6,865 – 7,000 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,100 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,685 – 2,875 रुपये प्रति टिन।
  •      सरसों तेल दादरी- 15,500 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      सरसों पक्की घानी- 2,425-2,505 रुपये प्रति टिन।
  •      सरसों कच्ची घानी- 2,465-2,570 रुपये प्रति टिन।
  •      तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,520 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,920 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,910 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      सीपीओ एक्स-कांडला- 14,520 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 15,920 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      पामोलिन एक्स- कांडला- 14,810 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
  •      सोयाबीन दाना – 7,000-7,100 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      सोयाबीन लूज 6,700- 6,800 रुपये प्रति क्विंटल।
  •      मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल।

इंदौर में सोयाबीन रिफाइंड के भाव में तेजी


तिलहन

  • सरसों (निमाड़ी) 6000 से 6200
  • नया रायड़ा 6100 से 6300 रुपये प्रति क्विंटल।

तेल

  • मूंगफली तेल इंदौर 1620 से 1640,
  • सोयाबीन रिफाइंड इंदौर 1530 से 1535,
  • सोयाबीन साल्वेंट 1510 से 1515,
  • पाम तेल 1570 से 1575 रुपये प्रति 10 किलोग्राम।

कपास्या खली

  • कपास्या खली इंदौर 2200,
  • कपास्या खली देवास 2200,
  • कपास्या खली उज्जैन 2200,
  • कपास्या खली खंडवा 2175
  • कपास्या खली बुरहानपुर 2175 रुपये प्रति 60 किलोग्राम बोरी।
  • कपास्या खली अकोला 3300 रुपये प्रति क्विंटल।

इंदौर में चने की दाल, तुअर दाल, मूंग, उड़द में तेजी


दाल

  • तुअर (अरहर) दाल सवा नंबर 8200 से 8300,
  • तुअर दाल फूल 8400 से 8600,
  • तुअर दाल (नई) 8900 से 9600,
  • आयातित तुअर दाल 8000 से 8100,
  • चना दाल 5850 से 6350,
  • मसूर दाल 8050 से 8350,
  • मूंग दाल 8000 से 8300,
  • मूंग मोगर 8700 से 9000,
  • उड़द दाल 8300 से 8600,
  • उड़द मोगर 8900 से 9300 रुपये प्रति क्विंटल।

चावल

  • बासमती (921) 10000 से 11000,
  • तिबार 8000 से 8500,
  • दुबार 7000 से 7500,
  • मिनी दुबार 6500 से 7000,
  • मोगरा 3500 से 6000,
  • बासमती सैला 6500 से 9000,
  • कालीमूंछ 7500 से 8000
  • राजभोग 6800 से 7000,
  • दूबराज 3500 से 4500,
  • परमल 2500 से 2650,
  • हंसा सैला 2450 से 2650,
  • हंसा सफेद 2350 से 2450,
  • पोहा 3700 से 4100 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन का एमएसपी 350 रुपये बढ़ा

बाजार सूत्रों ने बताया कि शिकॉगो एक्सचेंज लगभग 1.5 प्रतिशत तेज था, जबकि मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट का रुख होने के बावजूद खाद्य तेलों के भाव तेज बने हुए हैं।  सूत्रों ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022-23 के खरीफ (गर्मी) की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है और इसमें विभिन्न तिलहन फसलों के मूल्य में भी वृद्धि की गई है। यह सरकार का सराहनीय कदम है और इससे तिलहन उत्पादन बढ़ने की संभावना बनती है। इस वृद्धि के तहत सोयाबीन का एमएसपी 350 रुपये या नौ प्रतिशत बढ़ाया गया है।

सूरजमुखी का एमएसपी 385 रुपये क्विंटल बढ़ा

सूरजमुखी का एमएसपी 385 रुपये क्विंटल यानी छह प्रतिशत, मूंगफली का एमएसपी पांच प्रतिशत यानी 300 रुपये बढ़ाया गया है। इसके अलावा भी अन्य फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है। इससे न केवल तिलहन उत्पादन में देश आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ेगा बल्कि खाद्य तेलों के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।

मंडियों में निरंतर घट रही सरसों की आवक 

मंडियों में सरसों की आवक निरंतर घट रही है। आयातित तेलों की कमी को पूरा करने के लिए सरसों का रिफाइंड बनाने के लिए इसकी चौतरफा मांग है, लेकिन जिस तरह से सरसों रिफाइंड की खपत हो रही है, उसे देखते हुए आगे जाकर सरसों की कमी होना निश्चित है और इस कमी को आयात शुल्क कम करके या अन्य देशों से आयात कर पूरा नहीं किया जा सकता।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button