मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में इलेक्शन लड़ने वाले कम से कम 17 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि 57 प्रतिशत करोड़पति हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है. मणिपुर इलेक्शन वॉच और एडीआर ने उन सभी 92 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है, जो 5 मार्च को विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 22 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस चरण में सिर्फ दो महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं.
ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि 92 उम्मीदवारों में से 16 (17 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है. जबकि 14 उम्मीदवारों (15 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न राजनीतिक दलों में JD(U) में आपराधिक मामले वाले सबसे अधिक यानी चार उम्मीदवार (कुल 10 में से) चुनावी मैदान में हैं. जबकि कांग्रेस से विश्लेषण किए गए 18 उम्मीदवारों में से चार चुनाव लड़ रहे हैं.
कुछ उम्मीदवारों पर हत्या और रेप के मामले दर्ज
वहीं, नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) से विश्लेषण किए गए 11 उम्मीदवारों में से दो चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा, बीजेपी के कुल 22 उम्मीदवारों में से सिर्फ दो ही उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि JD(U) और कांग्रेस के चार-चार और एनपीपी और बीजेपी के एक-एक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है. कम से कम तीन उम्मीदवार महिलाओं के खिलाफ अपराधों में संलिप्त हैं. जिनमें से एक पर बलात्कार से संबंधित मामला (आईपीसी धारा-376) दर्ज है. जबकि अन्य उम्मीदवार पर ‘हत्या के प्रयास’ (आईपीसी की धारा-307) से जुड़ा मामला दर्ज है.
92 में से 52 उम्मीदवार करोड़पति
22 में से दो निर्वाचन क्षेत्र ‘रेड अलर्ट’ निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिसका मतलब है कि तीन या अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 92 उम्मीदवारों में से 52 (57 प्रतिशत) करोड़पति हैं. दूसरे चरण के चुनाव में लड़ने वाले हर उम्मीदवार की औसत संपत्ति 2.61 करोड़ रुपये है. गौरतलब है कि मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. आगामी चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोरों-शोरों से जुटी हुईं हैं. राज्य में 2017 का विधानसभा चुनाव एक ही चरण में संपन्न हुआ था. इन चुनावों में कांग्रेस को 28 सीटें, बीजेपी को 21, NPF को 4, NPP को 4, LJP को 1, तृणमूल को 1 और निर्दलीय को 1 सीट मिली थीं. हालांकि चुनाव के बाद बीजेपी के नेतृत्व में NDA गठबंधन की सरकार बनी. क्योंकि इसमें NPF, NPP और LJP सहयोगी भूमिका में आ गए थे.