
शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला रुक नहीं रहा है। हर नए दिन के साथ निवेशक उम्मीद में हैं कि बाजार में रिकवरी आएगी लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। जितना इंडेक्स टूट रहा है, उससे कई गुना स्टॉक्स नीचे जा रहे हैं। इसका असर म्यूचुअल फंड निवेशकों पर तेजी से हो रहा है। उनके पोर्टफोलियो का वैल्यूएशन तेजी से घट रहा है। इससे लाखों निवेशक टेंशन में हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वो क्या करें? बहुत सारे निवेशकों ने अपने SIP अकाउंट को बंद भी कर दिए हैं। जनवरी में 60 लाख से अधिक सिप अकाउंट बंद किए गए हैं। यह अपने आप में रिकॉर्ड है। हालांकि, यह पहली बार नहीं जब मार्केट टूटा है। इससे पहले भी बाजार में ऐसी गिरावट आई है। इसलिए घबराकर स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड बेचना घाटे का सौदा है। इस बीच म्यूचुअल फंड्स मैनेजर ने भी अपनी स्ट्रैटजी बदल दी है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या किया है और इसका फायदा आपको कैसे होगा।
किस म्यूचुअल फंड हाउस के पास कितना कैश
सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) – एसबीआई म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड – के पास क्रमशः 24,008 करोड़ रुपये, 18,496 करोड़ रुपये और 15,488 करोड़ रुपये की कैश होल्डिंग बनी हुई है। एएमसी के इक्विटी एयूएम के प्रतिशत के रूप में नकदी होल्डिंग के मामले में, मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड के पास जनवरी 2025 में सबसे अधिक 16.55 प्रतिशत होल्डिंग थी, जो दिसंबर 2024 में 7.39 प्रतिशत से दोगुनी से अधिक थी। घरेलू म्यूचुअल फंड की कुल नकदी होल्डिंग दिसंबर 2024 में 4.52 प्रतिशत के मुकाबले जनवरी 2025 में बढ़कर 5.62 प्रतिशत हो गई। महीने-दर-महीने आधार पर शुद्ध नकदी होल्डिंग 3.02 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 3.75 लाख करोड़ रुपये हो गई। इस डेटा में डेट, हाइब्रिड, इक्विटी, कमोडिटी, ओवरसीज और पैसिव फंड कैटेगरी सहित सभी म्यूचुअल फंड शामिल हैं।
कैश लेकर बैठे हैं फंड मैनेजर
प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी 2025 तक एक्टिव इक्विटी फंडों की नकदी होल्डिंग 1.42 लाख करोड़ रुपये है, जबकि अगस्त 2024 के अंत में यह 1.46 लाख करोड़ रुपये थी। म्यूचुअल फंड उद्योग की इक्विटी एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के प्रतिशत के रूप में यह नकदी होल्डिंग पिछले छह महीनों में 4.8 प्रतिशत से 4.85 प्रतिशत के बीच रही है। यानी म्यूचुअल फंड मैनेजर कैश लेकर बैठे हैं। वो बाजार में पैसा नहीं डाल रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि जब तक फंड मैनेजर मूल्यांकन के साथ अधिक सहज महसूस नहीं करते, तब तक कैश होल्डिंग जारी रह सकती है। वे स्पष्टता की प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि हर दिन नई खबरें आती हैं और इसका असर विभिन्न क्षेत्रों और शेयरों पर पड़ रहा है।
बाजार में स्टेबिलिटी आने पर करेंगे निवेश
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि म्यूचुअल फंड मैनेजर बाजार में स्टेबिलिटी का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए वो कैश लेकर बैठे हैं। जैसे ही बाजार में स्टेबिलिटी आएगी, फिर से निवेश शुरू करेंगे। यह रणनीति निवेशकों को शानदार रिटर्न दिलाने में मददगार होगा।