
यूक्रेन और रूस के बीच भीषण जंग जारी है। कीव से खारकीव तक तबाही मची है। रूस ने हमले में कमी लाने का वादा किया था लेकिन मिसाइल और रॉकेट हमले में कोई कमी नहीं है। बूचा शहर में 300 से अधिक आम नागरिकों के शव बरामद हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण से संबंधित मुद्दों पर रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपने ‘वीटो’ का इस्तेमाल करना आगे भी जारी रखेगा।
कीव में नाकामी हाथ लगने के बाद रूस का ध्यान अब पूर्वी यूक्रेन पर
यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य शहरों पर धावा बोलने की उम्मीदों को करारा झटका लगने के बाद रूस अब देश के पूर्वी हिस्से पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। रूस का इरादा पूर्वी हिस्से में बढ़त हासिल करना और इस बढ़त के दम पर युद्ध खत्म करने के लिये चल रही वार्ता में अपनी बात मनवाना हो सकता है। रूस के सैनिक पूर्वी यूक्रेन के औद्योगिक गढ़ कहे जाने वाले डोनबास शहर में जोरदार हमले की तैयारी कर रहे हैं और आने वाले हफ्तों में युद्ध के नतीजे सामने आ सकते हैं। फिलहाल रूस की रणनीति में बदलाव और उसके संभावित परिणामों पर चर्चा की जा रही है। रूसी सेना ने जब 24 फरवरी को उत्तर, पूरब और दक्षिण से यूक्रेन पर आक्रमण किया तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उम्मीद थी कि यूक्रेन जल्द ही घुटने टेक देगा। उन्हें लग रहा था कि साल 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर जिस तरह जीत हासिल की, वैसी ही जीत उन्हें इस युद्ध में भी हासिल हो सकती है। रूस के सहयोगी बेलारूस की मदद से रूसी सैनिक जल्द ही यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहरी इलाके तक पहुंच गए। हालांकि वहां पहुंचकर उन्हें यूक्रेन की सेना के सामने मुंह की खानी पड़ी।
यूक्रेन युद्ध पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका में कुपोषण का खतरा बढ़ा रहा : यूनिसेफ
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के चलते पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका में लाखों बच्चों के कुपोषण का खतरा बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह कहा। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा है कि परिवार रमजान के महीने के दौरान भोजन जुटाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं, जब मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ खाते-पीते नहीं हैं। पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका के देश रूस-यूक्रेन युद्ध से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। वहीं, गरीबी और कोरोना वायरस महामारी ने चीजें बदतर कर दी हैं। यूक्रेन और रूस विश्व का एक तिहाई गेहूं और जौ निर्यात करते हैं, जिस पर पश्चिम एशिया के देश अपने लाखों लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए निर्भर हैं। दोनों युद्धरत देश अन्य अनाज और सूरजमुखी बीज से बने तेल के भी शीर्ष निर्यातक हैं। यूनिसेफ ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही तो यह क्षेत्र में, खासतौर पर मिस्र, लेबनान, लीबिया, सूडान, सीरिया और यमन में बच्चों को बुरी तरह से प्रभावित करेगा। दरअसल, ये देश संघर्षों का सामना कर रहे हैं और यूरोप में युद्ध शुरू होने से पहले से वे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका के लिए यूनिसेफ की क्षेत्र निदेशक एडले खोद्र ने कहा, ‘‘कुपोषित बच्चों की संख्या अत्यधिक बढ़ने की संभावना है। ’’ पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका अपने यहां उपभोग की जाने वाली खाद्य सामग्री का 90 प्रतिशत से अधिक आयात करते हैं। यूनिसेफ के अनुसार, क्षेत्र में केवल 36 प्रतिशत बच्चों को आहार मिल पार है जो उनके स्वास्थ्यकर रूप से विकास करने के लिए जरूरी है।
यूक्रेन की सेना व सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए रूस बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा: ब्रिटेन
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन में बुनियादी ढांचों को निशाना बना कर की जा रही रूसी गोलाबारी का उद्देश्य इस पूर्वी यूरोपीय देश की सरकार और सेना पर दबाव बढ़ाना है क्योंकि मास्को इसके (यूक्रेन के) पूर्वी हिस्से में नये सिरे से हमला करने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक खुफिया ‘अपडेट’ में कहा कि पूर्वी यूक्रेन में आक्रामक अभियान बढ़ाना रूसी सैन्य बलों का मुख्य उद्देश्य है। इसने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन के अंदरूनी हिस्सों में बुनियादी ढांचों को भी निशाना बना रही है ताकि वह आपूर्ति बहाल करने की यूक्रेनी सेना की क्षमता को घटा सके और यूक्रेन सरकार पर दबाव बढ़ा सके। ब्रिटेन ने कहा कि हालांकि रूसी सैनिकों के मनोबल से जुड़े मुद्दों और रसद आपूर्ति एवं कर्मियों की कमी का सामना करना जारी रहने की संभावना है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण क्रिप्टोकरेंसी सुर्खियों में
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से कुछ दिन पहले, कनाडा में हजारों लोग सरकारी स्वास्थ्य उपायों का विरोध करने के लिए ‘‘स्वतंत्रता काफिले’’ के नाम से आयोजित ट्रक ड्राइवरों के विरोध आंदोलन में शामिल हुए। विरोध आंदोलन का समर्थन करने के लिए आयोजकों ने गोफंडमी प्लेटफॉर्म पर एक धन उगाहने वाला अभियान शुरू किया। हालांकि, सोशल फंडिंग प्लेटफॉर्म ने यह आरोप लगाते हुए दान में मिले लगभगएक करोड़ अमेरिकी डालर को जब्त कर लिया, कि यह आंदोलन अपने दोनो उद्देश्यों, हिंसा और उत्पीड़न को रोकने और कनाडाई अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करने में विफल रहा।
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने नाटो से हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने उत्तर अटंलाटिक संधि संगठन (नाटो) से उनके युद्धग्रस्त देश को हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया है। कुलेबा बृहस्पतिवार को नाटो मुख्यालय में सैन्य संगठन के विदेश मंत्रियों से बातचीत के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘ मेरा उद्देश्य बेहद सामान्य है….और यह है हथियार,हथियार और बस हथियार।’’ उन्होंने कहा,‘‘ हमें लड़ना आता है। हमें जीतना आता है,लेकिन यू्क्रेन जो मांग कर रहा है उसकी सतत और पर्याप्त आपूर्ति के बिना जीत बहुतों की कुर्बानियां ले लेगी।’’ उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा हमें हथियार मिलेंगे और जितना जल्दी वे यूक्रेन पहुंचेंगे,उतने ही इंसानों की जिंदगियां बचाई जा सकेंगी। विदेश मंत्री ने खास तौर पर जर्मनी से आग्रह किया और बेहद जरूरी साजोसामान और हथियार भेजने में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने कहा,‘‘‘बर्लिन के पास वक्त है पर कीव के पास नहीं।
रूस के साथ सामान्य व्यापार संबंधों को खत्म करने संबंधी विेधेयक पर चर्चा करेगी अमेरिकी सीनेट
अमेरिकी सीनेट रूस के साथ सामान्य व्यापार संबंधों को खत्म करने और उससे तेल आयात करने पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित एक विधेयक पर बृहस्पतिवार को चर्चा करेगी। दोनों विधेयक सीनेट में अटके हुए हैं जिससे यूक्रेन पर रूस के हमले पर अमेरिकी प्रतिक्रिया को तेज करने की इच्छा रखने वाले सांसद हताश हैं। सीनेट में बहुसंख्यक नेता चक शूमर ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराने की आवश्यकता है। व्यापार पर निलंबन लगाने से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए रूस के कुछ सामान के आयात पर अधिक शुल्क लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा। रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक से पाबंदियां संहिताबद्ध होंगी। बाइडन ने शासकीय कार्रवाई के जरिए पहले ही पाबंदियां लगायी हुई हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में अहम घटनाक्रम : -यूक्रेन के पूर्वी मोर्चे पर युद्ध के बीच मारियुपोल में मृतकों की संख्या 5,000 से अधिक हुई। अमेरिका ने नए प्रतिबंधों में पुतिन की बेटियों, रूसी बैंकों को निशाना बनाया। -यूक्रेन के बुचा में जले हुए ढेरों शव मिले। रूस के मीडिया अभियान में बुचा में मौतों के दावों को फर्जी बताया गया।