आसमान में शुक्र का साथी बना गुरू, जोड़ी बनाते दिखे सौरमंडल के दोनों ग्रह
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- विद्या विज्ञान के अंतर्गत सारिका घारू ने टेलिस्कोप से कराया अवलोकन
खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए गुरुवार की शाम रोमांच से भरी हुई थी, जब आसमान में सौरमंडल के दो ग्रह जोड़ी गुरू और शुक्र जोड़ी बनाते दिखे। पृथ्वी से 86 करोड़ 45 लाख 21 हजार किमी दूर स्थित गुरू और पृथ्वी से 20 करोड़ 39 लाख 90 हजार किमी की आज की दूरी पर स्थित शुक्र इस प्रकार मिलते से नजर आए, मानो वे एक ही दूरी पर साथ हों।
दरअसल, एक सप्ताह से आसमान में लगातार नजदीकियां बढ़ा रहे दोनों ग्रह बृहस्पति और शुक्र का लम्बे इंतजार के बाद मिलन हुआ। शाम को सूर्यास्त के ठीक बाद पश्चिम आकाश में सबसे चमकते ग्रह शुक्र (वीनस) के साथ जोड़ी बनाते हुए नजर आए। विद्या विज्ञान के अंतर्गत भोपाल की नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने कन्जक्शन ऑफ वीनस एंड जुपिटर की इस खगोलीय घटना का अवलोकन कराया। साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुये बताया कि इनमें से वीनस माईनस 4 मैग्नीट्यूड की चमक के साथ था तो गुरू माईनस 2.1 से चमक रहा था।
सारिका ने चार्ट की मदद से बताया कि कंजक्षन की घटना में सूर्य की परिक्रमा करते कि पिंडों को पृथ्वी से देखने पर कई बार इस प्रकार का कोण बनता है, जिससे लगता है कि वे आपस में जोड़ी बना रहे हों, जबकि इनकी आपस में दूरी करोड़ो किमी रहती है। सारिका ने बताया कि शुक्रवार से इनके बीच की दूरी बढ़ती दिखने लगेगी और कुछ दिन बाद गुरू अस्त हो जाएगा। इन दोनों ग्रहों की जाड़ी फिर से बनते देखने के लिये मानसूनी मौसम में 12 अगस्त 2025 तक का इंतजार करना होगा।