योगी बोले, ”घबराइए मत, समस्या का समाधान अवश्य होगा”
- जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने सुनी फरियाद
- समस्याओं का होगा निस्तारण
गोरखपुर। शुक्रवार को जानते दरबार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की फरियादें सुनीं। शिकायतकर्ताओं से रूबरू योगी ने दिलासा भी दिया। इस दौरान कहा, ”घबराए नहीं, समस्या का समाधान अवश्य होगा।” शुक्रवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में हर बार की तरह न्याय, समस्या निस्तारण और बीमारों के इलाज को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आत्मीय भाव दिखा। उन्होंने फरियादों के गुणवत्तापूर्ण और सन्तुष्टिपरक निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। गंभीर बीमारियों में इलाज संबंधी मदद को आए लोगों को भी यह विश्वास दिलाया कि पैसे के अभाव में किसी का इलाज नहीं रुकेगा।
शुक्रवार सुबह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए गोरखनाथ मंदिर से रवाना होने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में आए करीब सवा दो सौ लोगों से मुलाकात की। दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर कुर्सियों पर बैठे फरियादियों के पास एक-एक करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। प्रार्थना पत्र लेते हुए समस्या सुनी और निस्तारण का भरोसा दिया। अधिकारियों को प्रार्थना पत्र सौंपे और समाधान के निर्देश दिए। कुछ फरियादियों की तरफ से अपराध संबंधी शिकायतों पर अधिकारियों को दो टूक हिदायत देते हुए कहा कि अपराधियों, माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बीमारों के आर्थिक मदद की अद्यतन जानकारी ली
गंभीर बीमारियों के इलाज में दी जाने वाली आर्थिक मदद के लिए आए लोगों से मुख्यमंत्री योगी मिले। उनकी बीमारी और इलाज की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। संवेदना और आत्मीयता से इस्टीमेट बनवाकर प्रशासन के मध्यम से भेजने को कहा। भरोसा दिया कि सरकार इलाज के लिए पर्याप्त धनराशि देगी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रक्रियागत कार्रवाई को तेजी से पूरा कराएं, ताकि पैसे के अभाव में किसी का इलाज बाधित न हो।
जनता दर्शन में अपनी माताओं के साथ आए बच्चों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दुलार, आशीर्वाद मिला। मुख्यमंत्री से उन्हें चॉकलेट का गिफ्ट मिला। मुख्यमंत्री योगी ने जनता दर्शन में आने के पूर्व गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन किया। फिर, अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेक आशीर्वाद लिया। भ्रमण करते हुए गोशाला पहुंचे, जहां गोवंश को दुलारा और सेवा की। उन्हें गुड़-चना खिलाया।