उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

महिलाओं ने ठाना, प्रदेश को टीबी मुक्त बनाना : डॉ. बृजेश राठौर

  • महिला दिवस की पूर्व संध्या पर “टीबी की बात, महिलाओं के साथ” कार्यक्रम आयोजित
  • अवध गर्ल्स डिग्री कालेज को टीबी फ्री बनाकर पेश करेंगे मिसाल : डॉ. शैलेन्द्र भटनागर
  • टीबी को लेकर महिलाओं के साथ न हो कोई सामाजिक भेदभाव : डॉ. सूर्यकान्त

लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर वृहस्पतिवार को अवध गर्ल्स डिग्री कालेज के सभागार में “टीबी की बात, महिलाओं के साथ” कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्टेट टीबी सेल के नेतृत्व में केजीएमयू और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. बृजेश राठौर ने कहा कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।

डॉ. बृजेश राठौर ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में शामिल महिला ग्राम प्रधानों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, आशा कार्यकर्ताओं, महिला टीबी चैम्पियन, निक्षय मित्र, महिला जर्नलिस्ट, महिला प्राचार्य और राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ीं छात्राओं की सहभागिता से यह निश्चित हो गया है कि हम जल्द ही प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने में जरूर सफल होंगे। उन्होंने कहा कि महिलाएं जिस काम को अपने हाथों में लेती हैं, वह पूरा करके ही छोड़ती हैं। इसलिए पूरा विश्वास है कि आप सबके साथ हम वर्ष 2025 से पहले ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।

इस मौके पर संयुक्त निदेशक/राज्य क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने कहा कि अवध गर्ल्स डिग्री कालेज की समस्त छात्राओं और स्टाफ की टीबी की स्क्रीनिंग और जांच कराकर विद्यालय को टीबी फ्री बनाकर प्रदेश में एक मिसाल पेश करेंगे। अवध गर्ल्स डिग्री कालेज की प्राचार्य डॉ. बीना राय ने उनको आश्वासन दिया कि इसमें वह विभाग को पूरा सहयोग करने को तैयार हैं।

 

उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए स्टेट टीबी सेल, केजीएमयू और सीफार के प्रति धन्यवाद भी ज्ञापित किया। डॉ. भटनागर ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2023 में सबसे अधिक टीबी मरीजों को नोटिफाई कर एक मिसाल पेश की है। प्राइवेट सेक्टर में हुए रिकार्ड नोटिफिकेशन के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को सम्मानित भी किया गया है। उन्होंने सभी से टीबी आरोग्य साथी ऐप डाउनलोड करने को कहा ताकि टीबी से जुड़ी सभी जानकारी इसके माध्यम से मिल सके।

निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम डा. रतनपाल सिंह सुमन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कम्युनिटी प्रोसेस की महाप्रबंधक डा. उषा गंगवार ने कहा- समुदाय की सहभागिता से प्रदेश को टीबी मुक्त बनाया जा सकता है। पंचायती राज विभाग की उपनिदेशक प्रवीणा चौधरी ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरुरी है कि ग्राम पंचायत की बनने वाली योजनाओं में टीबी के मुद्दे को शामिल किया जाये।

इस मौके पर नार्थ जोन टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने कहा कि टीबी को लेकर महिलाओं के साथ किसी भी तरह का सामाजिक भेदभाव ठीक नहीं है। उन्होंने टीबी से जुड़ी हर बारीक जानकारी से कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में शामिल महिलाओं को जागरूक बनाया।

स्त्री रोग विशेषज्ञ, क्वीन मेरी डॉ. सुजाता देव ने कहा कि महिलाओं में सबसे प्रमुख बच्चेदानी की टीबी है जिसकी पहचान करना मुश्किल होता है। ऐसे में बाँझपन भी हो जाता है। उन्होंने बताया कि 60% टीबी पुरुषों में तो 40% महिलाओं में होती है। हालाँकि महिलाओं में होने वाली टीबी ज़्यादा जोखिम वाली होती है। इसके प्रमुख कारण है पोषण की कमी, उन्हें धूप नहीं मिलती।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, एसजीपीजीआई डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि यदि बच्चें को टीबी हो जाये तो जिस तरह प्रसव पश्चात 42 दिन तक बच्चों का ख्याल रखा जाता है, उसी प्रकार से टीबी हो जाने पर बच्चे को कुछ दिन के लिए अलग कमरे में रखना चाहिये ताकि उसे अन्य प्रकार का संक्रमण न होने पाये। इसके साथ ही बच्चे को जन्म के तुरंत बाद ही बीसीजी का टीका ज़रूर लगवायें। ऐसे में यदि बच्चे को टीबी हो जाता है तो यह टीबी का गंभीर स्वरूप नहीं लेगा।

माल ब्लॉक के अटारी गांव को महिला प्रधान संयोगिता सिंह, काकोरी के थावर की प्रधान माधुरी सिंह और कानपुर से आईं ग्राम प्रधान निधि कटियार ने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के अंत में अनुभव साझा करते हुए टीबी चैम्पियन सुनीता तिवारी ने बताया कि पहले टीबी मरीज अपने बारे में बताने से झिझकते हैं लेकिन जब उन्हें यह पता चलता है कि वह टीबी से ठीक हो चुकी हैं तो वह बात अच्छे से समझते हैं और उनकी बात को मानते भी हैं। छात्राओं ने भी कई सवाल किये, जिसका विशेषज्ञों ने जवाब दिया।

इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए. के. सिंघल, स्टेट टीबी सेल के अधिकारी, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला इकाई के कर्मचारी, स्टेट हेल्थ एजेंसी साचीज के प्रतिनिधि, सहयोगी संस्थाओं विश्व स्वास्थ्य संगठन, जीएचएस, एड्स कंट्रोल सोसायटी, वर्ल्ड विजन, आईहैट, सेफ सोसायटी, टीबी टीएसयू, वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर, घर आई नन्हीं परी फाउन्डेशन, डाक्टर्स फॉर यू, एचएलएफपीपीटी के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

खबरी अड्डा

Khabri Adda Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button