संग्रहालयों से ही मिलती है हमें भारतीय संस्कृति की जानकारी: प्रो.पीयूष भार्गव
- पुस्तकों से ज्ञात होने वाली सूचनाएं व तथ्य कभी-कभी नहीं होते हैं निष्पक्षः प्रो.पीयूष भार्गव
- राज्य संग्रहालय की ओर से गुरुवार को ‘अतीत का दर्पणः संग्रहालय’ विषयक हुआ विख्यान
लखनऊ। संग्रहालयों से ही हमें भारतीय संस्कृति की जानकारी मिलती है। संग्रहालय दिवस अथवा संग्रहालय सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य जनमानस में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। यह बात लखनऊ विश्वविद्यालय के भारतीय प्राचीन इतिहास के प्रो. पीयूष भार्गव ने कही। प्रो. भार्गव राज्य संग्रहालय की ओर से गुरुवार को आयोजित ‘अतीत का दर्पणः संग्रहालय’ विषयक विख्यान में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
प्रो. भार्गव ने व्याख्यान में आगे कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संग्रहालय की भूमिका तब बड़ी चुनौती पूर्ण हो जाती है, जब पुस्तकीय ज्ञान को चुनौती दी जाने लगती है। कारण पुस्तकों से ज्ञात होने वाली सूचनाएं, तथ्य, कभी-कभी निष्पक्ष नहीं होते है और इस प्रकार जानकारी प्रदान नहीं करते है जिस प्रकार की सूचनाएं संग्रहालय देते है।
उन्होंने कहा कि संग्रहालयों का दायित्व समाज का नव निर्माण करना होता है। साथ ही युवा और भावी पीढ़ी को न केवल प्राचीन गौरव और धरोहरों से परिचित कराना होता है बल्कि उनके संग्रहालयों के प्रति रूचि उत्पन्न करना भी होता है, जिससे युवा और भावी पीढ़ी संग्रहालयों के महत्व को समझे।
प्रो. भार्गव ने कहा कि संग्रहालय न केवल इतिहास, पुरातत्व से सम्बधिंत सूचनाओं को सुरक्षित रखते है, बल्कि विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक पक्षों को भी लोगों से समक्ष विभिन्न प्रदर्शनों के जरिए सम्प्रेषित करते है। इससे पहले राज्य संग्रहालय के निदेशक डॉ. आनंद कुमार सिंह ने बताया कि साल 2022 में भारत सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अंतर-राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को एक दिन के बजाय एक सप्ताह बनाए जाने का आवाह्न किया है।
उन्होंने कहा कि संग्रहालय में मानव के मूर्त, अमूर्त धरोहरों का संकलन, संरक्षण, शोध व प्रदर्शन किया जाता है। संग्रहालय का ज्ञान अतीत का संरक्षक एवं भविष्य का शिक्षक एवं औपचारिक शिक्षा का केंद्र भी है। व्याख्यान का संचालन सहायक निदेशक रेनू द्विवेदी ने किया। उन्होंने बताया कि संग्रहालय सप्ताह के अंतिम दिन 20 मई को सुबह स्केचिंग प्रतियोगिता होगी। अपरान्ह में आयोजित समापन समारोह की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी होंगी। इस अवसर पर राज्य संग्रहालय के सहायक निदेशक अल शाज फात्मी, डॉ. विनय कुमार सिंह, रंजना मिश्रा प्रशासनाधिकारी शारदा प्रसाद प्रमोद कुमार सिंह, ज्ञान चंद गोण्ड सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।