गोमती नदी के किनारे स्वच्छता कार्य में जुटे स्वयंसेवक

लखनऊ। लखनऊ में गोमती नदी के किनारे झूलेलाल घाट और उसके निकट के घाटों पर स्वच्छ पर्यावरण आंदोलन सेना के स्वयंसेवक स्वच्छता कार्य में जुटे हैं। कपकपाती ठंड में नदी में उतर कर नदी व घाट की लगातार सफाई की जा रही है और इस दौरान बीच-बीच में हर-हर महादेव का उद्घोष भी किया जा रहा है।
झूलेलाल घाट पर आजकल कतकी मेला लगा हुआ है। सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन मेले में पहुंच रहें हैं। मेले की ओर से नदी के छोर पर फेंकी जाने वाली गंदगी, कूड़ा हटाने के लिए स्वच्छ पर्यावरण आंदोलन सेना पूरी ताकत लगाकर कार्य कर रही है। सेना के स्वयंसेवकों कृपा शंकर वर्मा, दिनेश पाण्डेय, शालिनी जायसवाल, रमेश लोधी, भुवन की मानें तो गोमती नदी के किनारे स्वच्छता कार्य को करते हुए उनके संगठन को 238 सप्ताह हो चुके हैं। इन दिनों मेले के कारण गंदगी ज्यादा होने से वे स्वच्छता कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गोमती नदी की स्वच्छता के लिए मध्य में जाकर भी कार्य किया गया है। नदी में बहकर भी कई बार कूड़ा कचड़ा आता है, उसे वे निकाल कर एकत्रित करते हैं। बाद में नगर निगम की कूड़ा गाड़ी से उठवाते हैं।
स्वच्छ पर्यावरण आंदोलन की स्थापना करने वाले रंजीत सिंह ने कहा कि हम पर्यावरण को स्वच्छ करते हैं तो पर्यावरण अर्थात जल, मिट्टी, हवा हमारे शरीर को स्वच्छ करती है। स्वयं में भी स्वच्छता कार्य एक अच्छा गुण है। इसे सभी को अपनाना चाहिए। गोमती नदी लखनऊ के लिए प्राण की तरह है। इसके लिए गोमती नदी की सफाई को लेकर उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व संकल्प लिया था और यह कार्य अब भी कर रहे हैं।
गोमती नदी के अन्य घाटों पर भी स्थानीय लोगों की ओर से संगठन व संस्था बनाकर स्वच्छता कार्यों को कराया जाता रहा है। नदी की सफाई के नाम पर लखनऊ में 20 से ज्यादा संस्था व संगठन कार्य कर रहे हैं। जिसमें भी रंजीत सिंह के संगठन के स्वयंसेवक अपने सेवा कार्यों के लिए आएदिन चर्चा में रहते हैं।