उत्तर प्रदेशलखनऊ

उपभोक्ता परिषद का दबाव आया काम, केन्द्र द्वारा दिये जाने वाले कोयले में नहीं हुई कटौती

  • इस बार 30 प्रतिशत होनी थी कटौती, लेकिन मंगलवार को आया 13 रैक

लखनऊ। केन्द्र सरकार ने बिजली के लिए दिये जाने वाले कोयले में कमी नहीं की है लेकिन अभी निर्धारित आवंटित कोयले से चार रैक कम है। मंगलवार को पहुंचे 13 रैक से ऊर्जा विभाग ने राहत की सांस ली और अब विदेश से कोयला मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी कुछ दिन पहले ही केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी कि टेंडर न निकालने वाले राज्यों को दिये जा रहे कोयले में 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इससे पहले से ही तमाम झंझावातों को झेल रहा प्रदेश का ऊर्जा विभाग परेशान हो गया था लेकिन उपभोक्ता परिषद सहित कई तरफ से घेराबंदी के बाद मंगलवार को पहले से आ रहे कोयला के बराबर ही कोयला आ गया। इससे लोगों ने राहत की सांस ली।

सात जून से जो राज्य विदेशी कोयला नहीं खरीद कर रहे हैं। उस राज्य की डोमस्टिक आवंटित कोयले की मात्रा से 30 प्रतिशत की कटौती होनी थी। फिलहाल वह नहीं हुई है, उत्तर प्रदेश सरकार व ऊर्जा प्रबंधन उपभोक्ता परिषद व नियामक आयोग ने जिस प्रकार से पिछले कई हफ्तों से संयुक्त पेस बंदी की। उससे केंद्र सरकार द्वारा फिलहाल आज कोई कोयले की कटौती नहीं की गई है। वही उत्तर प्रदेश को जहां प्रत्येक दिन 15 से 17 रैक डोमस्टिक कोयला कोल इंडिया से प्राप्त होना निर्धारित है। वहीं जो पिछले काफी दिनों से 11 और 12 रैक के बीच रोज मिल रहा था। आज वह एक रैक बढकर 13 रैक हो गया।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार का उर्जा मंत्रालय अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर राज्यों को धमका रहा है। वह निश्चित ही बहुत ही गंभीर मामला है। ऐसे में उपभोक्ता परिषद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की करनी चाहिए। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने जहां आज एसोसिएशन आफ पावर प्रोड्यूसर डायरेक्टर जनरल अशोक खुराना से भी बात की और इस गंभीर मुद्दे पर लामबंदी तेज करने की गुहार लगाई। वहीं उपभोक्ता परिषद देश के दूसरे राज्यों के उपभोक्ता संगठनों से भी लगातार संपर्क बनाए हुए है।

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