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यूपी विधानसभा में लगी अदालत, छह पुलिसकर्मियों की सजा पर सदन कर रहा सुनवाई

लखनऊ। यूपी विधानसभा में आज शुकवार को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के मामले में छह पुलिसकर्मियों को पेश किया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर साल 2004 में यानि 17 साल पहले दोषी ठहराया जा चुका है। आज सजा का ऐलान भी हो सकता है। इससे पहले 1964 में यूपी विधानसभा में कटघरे में सुनवाई की गई थी।
साल 2004 में सपा सरकार में बिजली कटौती के विरोध में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना कानपुर में धरने पर बैठे थे। इस दौरान बीजेपी के विधायक और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जिसमें तत्कालीन विधानसभा सदस्य सलिल विश्नोई की टांग टूटी थी। वह कई महीनों बेड पर पड़े थे। इसके बाद विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना 25 अक्टूबर 2004 को विधानसभा सत्र में रखी गई थी।