राहुल गांधी के देशद्रोही कानून टिप्पणी पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने किया पलटवार
प्रयागराज। राहुल गांधी द्वारा देशद्रोही कानून पर बहस को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री व शहर पश्चिमी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने राहुल गांधी को याद दिलाया कि पहले देशद्रोह कानून के तथ्यों को पता कर लीजिए। आपके परनाना नेहरू की सरकार ने 1951 में आर्टिकल 19(1)(ए) के तहत सदन में संशोधन करके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया था।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि इसके बाद 1974 में आपकी दादी इंदिरा गांधी की सरकार ने धारा 124ए के तहत इसे एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में डाल दिया। प्रावधान किया कि बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकते हैं।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को राजापुर आवास प्रयागराज में मीडिया द्वारा उठाये गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इतना ही नहीं राहुल गांधी की दादी ने सबसे बड़ा प्रतिबंध तो याद न हो तो याद कर लें। दादी इंदिरा गांधी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर इमरजेंसी लगाई थी। अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक आपके परिवार द्वारा लगाई गई थी। मोदी सरकार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिली है। ये मोदी सरकार है जो अपने सम्बोधन में फ्रीडम ऑफ स्पीच पर बोलते रहे हैं। लोकतंत्र को बढ़ावा देते रहे हैं।
उन्होंने राहुल गांधी को याद दिलाते हुए लक्ष्मण रेखा बताया कि आपकी कांग्रेस सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कड़े प्रतिबंध लगा दिया था। आपके परनाना और दादी के द्वारा किए जबरन जुल्म कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की हत्या किया। अब केवल राहुल गांधी राजनीतिकरण कर रहे हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी पर न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम उम्मीद करते हैं जो पक्ष विरोध कर रहा है, वह शांतिपूर्वक सर्वे होने देंगे। राज्य सरकार हमेशा शांति के पक्ष में रहा है, कोई भी कानून अपने हाथ नहीं ले सकता है।