लखनऊ और कजाकिस्तान विवि के बीच पारस्परिक सहयोग पर हुई चर्चा, जल्द होगा एमओयू
- संयुक्त वैज्ञानिक संगोष्ठियां, संयुक्त प्रकाशन, विद्यार्थियों के आदान-प्रदान पर बनी सहमति
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय और कजाकिस्तान यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलाजी एंड बिजनेस अस्ताना कजाकिस्तान के अधिकारियों की बीच बैठक हुई। दोनों विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने अपनी विशिष्ट क्षमताओं और पारस्परिक सहयोग पर विस्तार से चर्चा की। प्रतिनिधियों ने विद्यार्थियों के आदान-प्रदान, स्नातकों की इंटर्नशिप, प्रोफेसरों द्वारा व्याख्यान, संयुक्त वैज्ञानिक संगोष्ठियों और सम्मेलनों, संयुक्त प्रकाशनों और वैज्ञानिक पत्रों आदि के मुद्दों पर सहमति व्यक्त की।
सोमवार को हुई बैठक का समन्वय स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, अस्ताना, कजाकिस्तान में भारत के दूतावास द्वारा किया गया था। लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. आर. पी. सिंह, निदेशक अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय छात्र सलाहकार, प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला, एडिशनल डीन छात्र कल्याण, डॉ अनीस अहमद, व्यवसाय प्रशासन विभाग, डॉ जीशान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय ने बैठक में प्रतिभाग किया। कजाख प्रौद्योगिकी और व्यवसाय विश्वविद्यालय के डीन और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने कज़ाख विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया।
सहयोग के संभावित क्षेत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आईटी, पर्यटन और डिजाइन और खाद्य प्रौद्योगिकी, अंग्रेजी भाषा शिक्षण, वित्त और अर्थशास्त्र, प्रबंधन के क्षेत्र होंगे। कजाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक संजय वेदी ने इस कार्यक्रम का समन्वय किया।
डीन एकेडमिक्स, प्रो पूनम टंडन, लखनऊ विश्वविद्यालय ने बताया कि कज़ाख विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में आपसी सहयोग की अपेक्षा कर रहा है। शीघ्र ही दोनों विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के मध्य होने वाली बैठकों में विस्तार से विचार-विमर्श करके एमओयू तैयार किया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा कि भारत और विदेशों के संस्थानों के मध्य अकादमिक विचार विमर्श के लिए अनेक संभावनाएं हैं तथा हमारी शिक्षा और अनुसंधान की स्थिति दुनिया भर से अनेकानेक विश्वविद्यालयों को आकर्षित कर रही है।