दिनेश शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा समेत दो दर्जन से ज्यादा मंत्री इस बार आउट
योगी आदित्यनाथ सरकार की दूसरी पारी की शुरुआत हो गई है। इस बार दिनेश शर्मा, सतीश महाना, आशुतोष टंडन, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह, महेंद्र सिंह जैसे कद्दावर नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया है। कई मंत्री पहले ही विधायक का चुनाव हार गए थे। उन्हें छोड़ भी दिया जाए तो दो दर्जन से ज्यादा विधायकों को इस बार मंत्री पद नहीं मिला है। हार कर भी मंत्री बनने वालों में केशव प्रसाद मौर्य का नाम सबसे ऊपर है।
योगी आदित्यनाथ के साथ दो डिप्टी सीएम समेत कुल 52 मंत्रियों ने शपथ ली है। इसमें 18 कैबिनेट. 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री बने हैं। केशव प्रसाद मौर्य दोबारा डिप्टी सीएम बने हैं, जबकि दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। जिन लोगों को मंत्री नहीं बनाय गया है उनमें मोहसिन रजा, जय प्रकाश निषाद, राम नरेश अग्निहोत्री और रमापति शास्त्री जैसे नाम भी हैं। पिछली बार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे वाराणसी के नीलकंठ तिवारी का नाम भी मंत्रियों की सूची से गायब है।
नीलकंठ के पास धर्मार्थ कार्य और पर्यटन जैसा विभाग था। पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर उन्हीं की देखरेख में बना था। विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर वाराणसी शहर दक्षिणी में आता है जहां से नीलकंठ तिवारी विधायक हैं।
इन लोगों की मंत्रिमंडल से छुट्टी
दिनेश शर्मा
सतीश महाना
आशुतोष टंडन
श्रीकांत शर्मा
सिद्धार्थनाथ सिंह
महेंद्र सिंह
रामनरेश अग्निहोत्री
जय प्रताप सिंह
नीलकंठ तिवारी
नीलिमा कटियार
अशोक कटरिया
श्रीराम चौहान
गुलाब देवी
जय प्रकाश निषाद
जय कुमार सिंह जैकी
अतुल गर्ग
मोहसिन रजा
मनोहर लाल मुन्नू कोरी
सुरेश कुमार पासी
अनिल शर्मा
महेश चंद्र गुप्ता
डा. जीएस धर्मेश
लाखन सिंह राजपूत
चौधरी उदय भान सिंह
रमाशंकर सिंह पटेल
अजित पटेल
अपर्णा, अदिति और राजेश्वर सिंह बाहर ही रहे
योगी के नए मंत्रियों सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे कुछ लोगों को भी मायूसी हाथ लगी है। इनमें मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव, अदिति सिंह और राजेश्वर सिंह की चर्चा सबसे ज्यादा थी। अपर्णा ठीक चुनाव से पहले सपा से भाजपा में शामिल हुई थीं। उनका भाजपा ने महिलाओं को एकजुट करने में खास इस्तेमाल भी किया था। इसके अलावा कांग्रेस से आई फायरब्रांड नेता मानी जा रही अदिति सिंह को भी इस बार मंत्री बनाने की सबसे ज्यादा चर्चा थी। इसके अलावा ईडी से भाजपा में आए राजेश्वर सिंह को भी मंत्री नहीं बनाया गया।
यह लोग बने मंत्री
कैबिनेट मंत्री-18
केशव प्रसद मौर्य
ब्रजेश पाठक
सूर्य प्रताप शाही
सुरेश कुमार खन्ना
स्वतंत्र देव सिंह
बेबी रानी मौर्य
लक्ष्मी नारायण चौधरी
जयवीर सिंह
धर्मपाल सिंह
नंद गोपाल नंदी
भूपेंद्र सिंह चौधरी
अनिल राजभर
जितिन प्रसाद
राकेश सचान
अरविंद कुमार शर्मा
योगन्द्र उपाध्याय
आशीष पटेल
संजय निषाद
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-14
नितिन अग्रवाल
कपिल देव अग्रवाल
रवींद्र जायसवाल
संदीप सिंह
गुलाब देवी
गिरीश चंद्र यादव
धर्मवीर प्रजापति
असीम अरुण
जेपीएस राठौर
दयाशंकर सिंह
नरेंद्र कश्यप
दिनेश प्रताप सिंह
अरुण कुमार सक्सेना
दयाशंकर मिश्र दयालु
राज्यमंत्री-10
मयंकेश्वर सिंह
दिनेश खटीक
संजीव गोंड
बलदेव सिंह ओलख
अजीत पाल
जसवंत सैनी
रामकेश निषाद
मनोहर लाल मन्नू कोरी
संजय गंगवार
बृजेश सिंह
केपी मलिक
सुरेश राही
सोमेन्द्र तोमर
अनूप प्रधान वाल्मीकि
प्रतिभा शुक्ला
राकेश राठौर गुरु
रजनी तिवारी
सतीश शर्मा
दानिश आजाद अंसारी
विजय लक्ष्मी गौतम