मायावती का अखिलेश यादव पर तंज, कहा- विकास के लिए विदेशी दौरे नहीं विजन जरूरी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि विकास के लिए बार-बार विदेशी दौरे करना नहीं, बल्कि विजन जरूरी है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव विधानसभा अध्यक्ष के विदेश भ्रमण की आड़ लेकर अपनी उन कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके लिए भाजपा उन्हें अक्सर निशाना बनाती रही है. मायावती ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए सही सोच व विजन जरूरी है जो कि बिना विदेशी दौरों के भी संभव है. जिस तरह दंगा, हिंसा व अपराध-मुक्ति के लिए मजबूत इच्छाशक्ति जरूरी है. ठीक उसी तरह विकास के लिए संकीर्ण नहीं, सही सोच जरूरी है.
दरअसल, बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा में दिए गए बयान पर ट्वीट किया. आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर मैं विदेश न जाता तो लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे जैसा विश्वस्तरीय एक्सप्रेस-वे कभी न बना पाता. इधर, मायावती यूपी चुनाव में बसपा की करारी हार पर सपा पर लगातार हमलावर हैं. उनका कहना है कि मुसलमानों ने सपा को वोट किया, जिससे भाजपा को सत्ता में आने में मदद मिली.
बसपा में सुस्त जिला अध्यक्षों की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा: बसपा को विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है. 403 सीटों में से पार्टी सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल कर सकी है. ऐसे खुद के सामने पार्टी का होता बंटाधार को देखकर बसपा सुप्रीमो चिंतित हैं. अब वह हार के कारणों पर मंथन करने के बाद संगठन को दुरुस्त करने की योजना बना रही है. इसी कड़ी में उन्होंने एक नेशनल कोऑर्डिनेटर को भी हटाया है तो वहीं तीन-तीन प्रदेश प्रभारी भी बना दिए. ऐसे ही अब जल्द ही सुस्त जिलाध्यक्षों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है.
पहले नेशनल कोऑर्डिनेटर को हटाया: बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से चिंतित हैं. ऐसे में सबसे पहले नेशनल कोऑर्डिनेटर राम जी गौतम को हटाया. अब सिर्फ एक नेशनल कोऑर्डिनेटर भतीजे आकाश ही रहेंगे.
बनाए तीन प्रदेश प्रभारी: मायावती ने रविवार को पार्टी मुख्यालय पर चुनाव में मिली हार की समीक्षा की. इस दौरान तीन प्रदेश प्रभारी भी नियुक्त किए गए. इसमें मेरठ निवासी पूर्व सांसद बाबू मुनकाद अली, बुलंदशहर के राजकुमार गौतम और आजमगढ़ के पूर्व एमएलसी विजय प्रताप को प्रदेश प्रभारी बनाया गया. जोन के सभी कोऑर्डिनेटर इन तीनों को रिपोर्ट करेंगे. यह तीनों बसपा प्रमुख मायावती को रिपोर्ट सौंपेंगे। पार्टी ने एक जोन में तीन मंडल शामिल करते हुए 3-3 कोऑर्डिनेटर भी तैनात किए हैं.
इतना ही नहीं बसपा राज्य के चार महत्वपूर्ण समूहों को समान प्रतिनिधित्व देने पर विचार कर रही है. इनमें दलित, ओबीसी, मुस्लिम और सवर्ण वर्ग हैं. दरअसल, अब तक बीएसपी की ओर से हर विधानसभा में एक समन्वयक यानी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया जाता था. आमतौर पर यह जिम्मेदारी दलित नेताओं को मिलती थी. अब मायावती ने प्लान बनाया है कि हर विधानसभा में 4 नेताओं को जिम्मा दिया जाए. ये चारों नेता अलग-अलग वर्गों के होंगे. वहीं, बसपा प्रवक्ता फैजान खान ने कहा कि बसपा प्रमुख पार्टी की समीक्षा कर रही हैं. इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता. पार्टी की तरफ से मीडिया में बताने पर अभी रोक है.