मऊ कोर्ट ने CM योगी को भेजा नोटिस, राजस्थान में बजरंगबली को बताया था वनवासी, 26 अप्रैल को होगी सुनवाई

बजरंग बली को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान पर मऊ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर ने नोटिस जारी किया है. इस मामले पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 26 अप्रैल की तारीफ तय की है. वहीं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने सुनवाई के बाद इस परिवाद को खारिज कर दिया था. हालंकि अब उनके आदेश के खिलाफ दाखिल निगरानी को स्वीकार कर लिया गया है.
राजस्थान में सीएम ने दिया था बयान
दरअसल दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा ने एक परिवाद दाखिल किया था. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरोपी बनाते हुए तलब करने का अनुरोध किया गया था. इस परिवाद में कहा गया था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति और गोरक्षपीठ के महंत हैं. उनका वक्तव्य देश, प्रदेश और प्रत्येक धर्म, जाति वर्ग एवं समुदाय के लिए महत्व रखता है. इसमें आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में 28 नवंबर 2018 को अलवर जिले के मालाखेड़ा में सार्वजनिक सभा में कहा था कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं. उनके इस भाषण से परिवादी की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगी है.
बयान से भावनाएं आहत
इस परिवाद में कहा गया कि सीएम योगी के बयान से बजरंगबली में आस्था रखने वाले समुदायों की भावना भी आहत हुई है. वहीं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने सुनवाई के बाद 11 मार्च को परिवाद खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि घटना राजस्थान की है और मऊ में इस न्यायालय को यह परिवाद सुनने का अधिकार नहीं है.
26 अप्रैल को सुनवाई
इसके बाद एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी के आदेश के खिलाफ नवलकिशोर शर्मा ने मंगलवार को जिला जज की कोर्ट में निगरानी दाखिल किया था. जिसको स्वीकार करते हुए जिला जज की कोर्ट में निगरानी दाखिल, सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि तय की है.