भारत में इस्लामी शिक्षा देने के लिए बनाये गए मदरसे : डा. इफ़्तेख़ार अहमद

- अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह से निभा रहे मदरसे
लखनऊ। भारत में मदरसों को मुसलमानों में इस्लामी शिक्षा के प्रचार व प्रसार के मौलवी तैयार करने के लिए स्थापित किया गया था। भारत के मदरसे अपना कर्तव्य का निर्वहन पूरी तरह से कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डाक्टर इफ़्तेख़ार जावेद ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में कहा कि मदरसों का काम मुसलमानों के बीच इस्लामी शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए मौलवी तैयार करना है। मदरसे अपना कर्तव्य अच्छी तरह से निभा रहे हैं। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा मदरसों का आकलन इस आधार पर होना चाहिए कि उनको मकसद के लिए स्थापित किया गया था, क्या वह उस को ठीक से कर रहे हैं या नहीं ? उन्होंने कहा मैं यह कह सकता हूँ कि मदरसे अपना कार्य भली प्रकार से कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों के सर्वे के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि अक्सर मदरसों के कार्यकलापों पर शक की बुनियाद पर प्रश्न किया जाता रहा है। ऐसे में इस सर्वे ने उन शंकाओं को खत्म कर दिया है कि मदरसों में कुछ गलत हो रहा है। इस सर्वे ने मदरसों की छवि को साफ किया है।
डाक्टर जावेद ने मीडिया द्वारा मदरसों को अवैध बताये जाने पर कड़ा प्रतिरोध जताते हुए कहा कि ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा बहुत से मदरसे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से समबद्ध नहीं हैं लेकिन उनको अवैध कहना गलत है। डाक्टर जावेद ने बताया कि हम मदरसे के बच्चों को इस्लामी शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा से भी जोड़ना चाहते हैं, ताकि उनकी समझ को और विस्तार दिया जा सके।